जयपुर

कभी पूर्व नहीं होता जनप्रतिनिधि, आमजन की सेवा ही उसका दायित्व-मिश्र

पूर्व विधायक संघ के स्नेह मिलन समारोह में सम्मिलित हुए राज्यपाल

जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि जनप्रतिनिधि अपने जीवन काल में कभी भी पूर्व नहीं हो सकता। एक बार चुने जाने के बाद पूरे जीवन भर शुचिता का आचरण करना और आम जन के लिए सेवाभावना से प्रतिबद्ध होकर कार्य करना ही उनका दायित्व होता है।

मिश्र शनिवार को यहां इन्दिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में आयोजित राजस्थान प्रगतिशील मंच (पूर्व विधायक संघ) के स्नेह मिलन समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कोविड के दौर में पूर्व विधायकों द्वारा अपनी पेंशन से मुख्यमंत्री सहायता कोष में किए गए योगदान की सराहना करते हुए आह्वान किया कि वे आम जन की आकांक्षाओं, अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए आगे भी इसी तरह कार्य करते रहें।

मिश्र ने कहा कि जनता की सेवा और समर्पण भावना में ही संविधान के प्रति हमारी आस्था व्यक्त होती है। संविधान में निहित अधिकारों के प्रति जागरूक रहने के साथ ही कर्तव्यों के प्रति सजग रहना भी उतना ही जरूरी है। नई पीढ़ी को संविधान के प्रति जागरूक करने और उन्हें व्यावहारिक रूप में संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों की सीख देने के उद्देश्य से ही राज्य के विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने सभी उपस्थित पूर्व विधायकों को होली की शुभकामनाएं भी दीं।

राज्यपाल ने इस अवसर पर 90 वर्ष से अधिक की आयु पूर्ण कर चुकी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह एवं पूर्व मंत्री जसराज जयपाल को सम्मानित किया। इससे पहले राज्यपाल ने उपस्थितजन को संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया।

विधानसभाध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र की विशेषताओं और खूबियों के बारे में आमजन को शिक्षित करने की जरूरत है। वार्ड पंच से लेकर विधायक और सांसद तक की लोकतंत्र में क्या भूमिका है, इस बारे में जागरुकता लाने के लिए पूर्व विधायक राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के माध्यम से पहल करें।

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि पूर्व विधायकों की समस्याओं के समाधान के लिए सभी को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने अपने सम्बोधन में पूर्व विधायक संघ के लिए स्थायी कार्यालय की व्यवस्था किए जाने का सुझाव दिया, जिस पर विधानसभाध्यक्ष ने सकारात्मक आश्वासन भी दिया।

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