दोषियों की संपत्ति को सरकार कुर्क करे, ताकि रुकें ऐसी हरकतें
जयपुर। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने रीट परीक्षा मामले में यू टर्न लेते हुए इसकी जांच सीबीआई को सौंपने मांग की है। उन्होंने दोषियों की संपत्तियों को कुर्क करने की मांग की है ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत नहीं कर पाए। एक दिन पूर्व ही कटारिया ने प्रकरण की जांच कर रही एसओजी की तारीफ की थी।
कटारिया ने कहा है कि शिक्षा संकुल से रीट पेपर चोरी होने का मामला सामने आया है। इसके बाद से प्रदेश में रीट परीक्षा में शामिल बच्चों और उनके अभिभावकों के समक्ष उलझनें खड़ी हो गई है। आश्चर्य इस बात का है कि जब राजीव गांधी स्टडी सेंटर के चेयरमैन जो राजस्थान के मुख्यमंत्री है, उनकी देखरेख में ही फरवरी, 2021 में लोगों को इस सेंटर में नामित किया गया। ऐसे में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निवर्तमान चेयरमैन डीजी जारोली का कथन कुछ हद तक सही है कि पेपर चोरी होना राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा हो सकता है।
कटारिया ने कहा कि पूरे राजस्थान में परीक्षा कराने और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन के पास थी। फिर जयपुर को ही इस व्यवस्था से महरूम रखना संदेह को प्रमाणित करता है। जयपुर में राजीव गांधी स्टडी सर्किल के जिम्मेदार व्यक्ति को ही को-ऑर्डिनेटर बनाया गया था। इस सेंटर के मुख्यमंत्री चेयरमैन हैं और राज्यमंत्री सुभाष गर्ग को-ऑर्डिनेटर हैं।
जारोली एडवाइजरी कमेटी के मेंबर, प्रदीप पाराशर रीजनल को-ऑर्डिनेटर हैं। ये सभी जिम्मेदार व्यक्ति् हैं। इससे स्पष्ट है कि एसओजी को इन जिम्मेदार व्यक्तियों पर हाथ डालना संभव नहीं होगा। इस मामले के छींटे गहलोत पर आ रहे हैं, इसलिए सीबीआई को पूरे मामले की जांच सौंपी चाहिए। साथ ही दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि इस तरह के मामलों को रोका जा सके।