जयपुर

जलवायु (climate) के अनुरूप कम पानी (less water)में अधिक उत्पादन (high production) वाली फसलों (crops) के लिए हो कार्य

डूंगरपुर में कृषि महाविद्यालय का हुआ ऑनलाइन शुभारम्भ

जयपुर। राज्यपाल पकलराज मिश्र ने कहा है कि कृषि शिक्षा के लिए कहीं कोई एक कॉलेज भी खुलता है, तो वह युवाओं को कृषि क्षेत्र से जोड़ उन्हें अर्थव्यवस्था में योगदान देने का अवसर प्रदान करने जैसा है। उन्होंने युवाओं को कृषि से अधिकाधिक जोड़े जाने के लिए कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने, कृषि शिक्षा के तहत सूचना-संचार तकनीक आधारित खेती को बढ़ावा देने, स्थानीय जलवायु (climate) के अनुरूप कम पानी (less water) में अधिक उत्पादन (high production) वाली फसलों (crops) की पहचान कर कृषि के लिए उनकी अनुशंषा करने का कार्य भी विश्वविद्यालय स्तर पर किए जाने पर जोर दिया।

मिश्र बुधवार को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर की संघटक इकाई के रूप में स्थापित कृषि महाविद्यालय, डूंगरपुर के शुभारम्भ अवसर पर राजभवन से ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे कृषि शिक्षा के दौरान ही युवाओं को एक उद्यमी के रूप में सफल होने के लिए तैयार करें। मिश्र ने इसके लिए उद्यमिता, कौशल प्रशिक्षण की सुविधाओं से युवाओं को लाभान्वित करने के प्रयास जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं को कृषि के क्षेत्र में अपना नया ‘स्टार्ट-अपÓ व्यवसाय शुरू करने के लिए कृषि शिक्षा के दौरान ही प्रेरित किया जाए।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस अवसर पर कहा कि कृषि क्षेत्र पर ग्रामीण आबादी की निर्भरता को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा गत दो वर्ष में 13 कृषि महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया। आदिवासी क्षेत्र में कृषि महाविद्यालय प्रारम्भ होने से यहां के छात्रों की लम्बे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई है। जनजातीय क्षेत्र की शैक्षिक प्रगति को ध्यान में रखते हुए ही बांसवाड़ा में अभियांत्रिकी महाविद्यालय और गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय प्रारम्भ किए गए हैं।

गहलोत ने कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र प्रदेश में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए व्यक्तिगत रुचि लेकर प्रयास कर रहे हैं, जिससे इस दिशा में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। कृषि को प्राथमिकता पर रखते हुए राज्य सरकार ने कृषि का अलग बजट प्रस्तुत करने का निर्णय किया है और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कृषि प्रसंस्करण नीति-2019 और कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति लागू की है। किसानों को खुद की कृषि प्रसंस्करण इकाई लगाने पर एक करोड़ रुपए तक अनुदान दिया जा रहा है।

गहलोत ने कहा कि कृषि शिक्षा के जरिए किसानों को सुदृढ़ करने के लिए अधिकाधिक कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने किसान हित में कृषि शोध और अनुसंधान कार्यों का दायरा बढ़ाए जाने, खेती को समय की जरूरत के हिसाब से समृद्ध करने के लिए प्रसार शिक्षा के तहत किसान सूचना तंत्र को मजबूत करने पर भी जोर दिया।

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