जयपुर

दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने केंद्र सरकार (central government) पर साधा निशाना, मुंद्रा बंदरगाह (Mundra Port) मामले की जांच की मांग उठाई

नोटबंदी और संघ पर खड़े किए सवाल

जयपुर। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने केंद्र सरकार (central government) पर आरोप लगाया है कि गुजरात के मुद्रा बंदरगाह पर जो ड्रग पकड़ी गई हैं, उस मामले के दोषियों को बचाया जा रहा है।

पीसीसी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने कहा कि कहा कि गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह (Mundra Port)पर गत दिनों में ही दो लाख करोड़ की हेरोइन पकड़ी गई है। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गंभीरता से लेना चाहिए और पूरे प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज या सेवानिवृत्त जज से कराई जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के जज या सेवानिवृत्त जज का नाम प्रतिपक्ष के नेता और पार्लियामेंट्री समिति की सहमति के बाद ही तय किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 13 सितंबर 2021 को गुजरात में अडानी के बंदरगाह पर अफगानिस्तान से आई 3 हजार किलो हेरोइन पकड़ी। इसकी कीमत 21 हजार करोड़ थी। इससे पहले 9 जून को 25 हजार किलो पकड़ी थी। इसकी कीमत 1 लाख करोड़ रुपए थी। यह हेरोइन आशीष ट्रेडिंग कंपनी ने टेलकम पाउडर के नाम पर मंगाए थे। इस कंपनी को 4 लाख रुपए सिर्फ कमिशन मिला था। ऐसे में ये सवाल उठता है कि फिर ये किसने मंगाई थी। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को नशे के दलदल में धकेला जा रहा है। इससे देश का भविष्य खराब होगा। सिंह में आरोप लगाया कि सीबीआई और अन्य एंजेसी तो विपक्ष के नेताओ को दबाने का काम कर रही हैं।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि ड्रग्स का ये कारोबार कौन कर रहा है। अडानी के बंदरगाह से किसने ये ड्रग्स मंगवाई। इस हैरोइन को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौप दिया गया, लेकिन आगे क्या कार्रवाई की गई, ये नही बता रहे। ऐसे में इस मामले की पूरी जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराई जानी जरूरी है, बाकी किसी पर हमें भरोसा नही हैं। पूरी ईमानदारी के साथ इसकी जांच हो। उन्होंने कहा कि ड्रग्स विदेशों से आ रही हैं। इसे रोकना होगा।

उन्होंने नोटबंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी के दौरान यह दावा किया था कि नोटबंदी से देश में भ्रष्टाचार और आतंकवाद के साथ-साथ नकली करंसी पर अंकुश लगेगा, लेकिन नोटबंदी के बाद यह सब गतिविधियां पहले से अधिक फल फूल रही है। रिजर्व बैंक ने सितंबर 2016 में देश में नगद करेंसी 17.08 लाख करोड़ बताई थी और मौजूदा स्थिति में 26.60 लाख करोड़ की नगद करेंसी मौजूद है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के बाजारों में व्यापक पैमाने पर नकली करेंसी चल रही है। प्रधानमंत्री मोदी कहते थे कि मैं ना खाऊंगा ना खाने दूंगा, लेकिन अब यह सब कुछ क्या हो रहा है वही जवाब दें।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि गुजरात के एमएलए यतेंद्र ओझा ने एक पत्र भेजकर शिकायत की थी की एक करोड़ के पुराने नोट को लेकर 67 लाख के नए नोट दिए जा रहे हैं। गुजरात के कोऑपरेटिव बैंकों को नोटबंदी के बाद नए नोटों की सप्लाई सबसे अधिक की गई थी। इस मामले की भी केंद्र को जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक पंजीकृत संस्था नहीं है इस संस्था का कोई बैंक खाता भी नहीं है। गुरु दक्षिणा के नाम पर व्यापक धनराशि वसूली जाती है। जबलपुर के आरटीआई एक्टिविस्ट मनीष ने केंद्र सरकार से कोरोना काल में संघ द्वारा 7 करोड रुपए की राशि की सामग्री लोगों को बांटी गई ।

यह धनराशि आखिर कहां से आई इस बारे में ना तो ईडी पूछ रही है और ना ही आयकर विभाग। इस मामले की भी जांच की जानी चाहिए। मैंने संघ को लेकर कई सवाल किए लेकिन उसका जवाब मुझे अब तक नहीं मिला है और मैं संघ के गलत कार्य को उजागर करता रहूंगा। काले धन पर आज तक क्या हुआ? कोई रिपोर्ट नही आई। राफेल सौदे पर प्रकिया का पालन नही किया गया सिंह ने आरोप लगाया कि आरएसएस का तो आज तक पंजीकरण तक नही हुआ है। जो राशि आती हैं। वो कहां जाती है

Related posts

सरकारी कामकाज में अब बरती जाएगी मितव्ययता, परिपत्र जारी

admin

5 वृहद पेयजल परियोजनाओं के खर्च में राज्यांश 60 प्रतिशत होगा और केन्द्र सरकार खर्च करेगी शेष 40 फीसदी राशि

Clearnews

“यंग एचीवर्स अवॉर्ड”(Young Achievers Award) जयपुर (Jaipur) में 2 फरवरी को , ट्रॉफी (trophy) का अनावरण

admin