जयपुर

राजस्थान आवासन मंडल (Rajasthan Housing Board) ने की हाईप्रोफाइल श्रीराम कॉलोनी (Shri Ram Colony) में बड़ी कार्रवाई, 40 ट्रक बिल्डिंग मैटेरियल (building materials) जब्त (seized)

जयपुर। राजस्थान आवासन मंडल (Rajasthan Housing Board) ने अतिक्रमियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 40 ट्रक बिल्डिंग मैटेरियल जब्त किया है। आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि राजस्थान आवासन मण्डल द्वारा बी-2 बाईपास, टोंक रोड़ पर अवाप्तशुदा भूमि कृष्णा कुंज योजना में स्थित हाईप्रोफाइल श्रीराम कॉलोनी बी (Shri Ram Colony) में बड़ी कार्यवाही करते हुए अवैध निर्माण की नीयत से एकत्रित 40 ट्रक बिल्डिंग मैटेरियल (building materials) को जब्त (seized) किया।

उच्च न्यायालय द्वारा 9 दिसम्बर, 2021 को पारित आदेश की अनुपालना में इस भूमि पर निर्माण में ली जाने वाली भवन सामग्री जैसे ईंट, बजरी, सीमेंट, पत्थर एवं सरिया सहित अन्य को मण्डल द्वारा अपने कब्जे में लिया गया। इस कार्यवाही के दौरान आयुक्त के साथ बड़ी संख्या में मण्डल कार्मिक, पुलिस कर्मी उपस्थित थे। यहां अन्य कोई नया निर्माण न हो इसके लिए मण्डल द्वारा यहां गार्ड भी तैनात कर दिए गए हैं।

क्या है प्रकरण

आवासन मण्डल द्वारा कृष्णा कुन्ज योजना हेतु ग्राम चौनपुरा के खसरा नम्बर 7, 15 से 24, 26 से 31 व दुर्गापुरा के खसरा नम्बर 265 से 270 कुल रकबा 42 बीघा 10 बिस्वा भूमि की अवाप्ति कार्यवाही जनवरी 1991 में पूर्ण कर ली गई थी। इसके एवज में मण्डल द्वारा भूमि की मुआवजा राशि 76 लाख 98 हजार 841 रूपए कोर्ट में जमा करवा दी गई थी। आवासन मण्डल ने 5 दिसम्बर, 1991 को योजना का केवल पेपर पजेशन लिया था। इसी बीच जवाहर पुरी गृह निर्माण समिति द्वारा अवैध रूप से खातेदारों से 1981 में इकरार नामे से जमीन खरीदना बताकर इस जमीन पर अवैध श्रीराम कॉलोनी काट दी गई तथा सदस्यों को पट्टे जारी कर दिए गए।

इस कूटरचित कार्यवाही के खिलाफ समय-समय पर न्यायालयों में प्रकरण विचाराधीन रहा और मामला सर्वोच्च न्यायालय तक गया। जवाहरपुरी गृह निर्माण समिति के आवंटियों ने आवासन मण्डल के खिलाफ कंटेम्ट की कार्यवाही की मांग की गई, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कंटेम्ट खारिज कर दिया गया।

उच्च न्यायालय के निर्देश पर की गई कार्रवाई

यह प्रकरण फिलहाल उच्च न्यायालय में चल रहा है, जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा 9 जनवरी, 2021 को सुनवाई करते हुए आवासन मण्डल को अधिकृत किया है कि भूमि कीे नेचर परिवर्तन के उद्देश्य से जो भी निर्माण सामग्री आवंटियों ने इकट्ठा कर रखी है, उसकी जब्ती की कार्यवाही की जाए, उसी क्रम में मण्डल द्वारा यह कार्रवाई की गई।

आज अवाप्तशुदा भूमि की श्रेणी में यह जमीन

उल्लेखनीय है कि यह भूमि आज भी अवाप्तशुदा भूमि की श्रेणी में है और यदि जवाहरपुरी सोसायटी ने 1981 में इस भूमि को क्रय भी कर लिया था, तो उसे 1991 में अवाप्ति की कार्यवाही के दौरान आपत्ति पेश करनी चाहिए थी, जो कि नहीं की गई। इसलिए आपत्ति पेश नहीं की जाने की स्थिति में यह भूमि पूरी तरह अवाप्तषुदा भूमि है।

सहकारिता विभाग की जांच रिपोर्ट में भी हुआ फर्जीवाडे का खुलासा

सहकारिता विभाग की जांच रिपोर्ट में यह भी आया कि जवाहरपुरी सोसायटी ने 1981 में इस जमीन को खातेदारों से खरीदना अपने रिकॉर्ड में नहीं दिखा रखा है, इससे यह प्रमाणित हो जाता है कि इकरारनामा और आगे की कार्यवाही सही नहीं हैं। इसके विरूद्ध आवासन मण्डल ने जवाहर नगर थाने में जवाहरपुरी सोसायटी के पदाधिकारियों के विरूद्ध 420 के तहत एफआईआर दर्ज करा रखी है, जिसमें अभी अन्वेषण विचाराधीन चल रहा है।

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