नयी दिल्ली। नीतीश कुमार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में वापस आने के एक साल के भीतर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने घोषणा की है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के चुनाव 2025 के अंत में होने हैं।
बीजेपी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने रविवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “एनडीए अगले साल के विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ेगा। इसमें कोई भ्रम नहीं है।”
नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा
चौधरी से जब पूछा गया कि क्या एनडीए चुनाव से पहले नीतीश कुमार को नेता घोषित करने की रणनीति पर पुनर्विचार कर सकता है, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से इन अटकलों को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, “2020 में भी हमने (नीतीश कुमार को एनडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में) घोषणा करके चुनाव लड़ा था। आज तक हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही एनडीए का नेता मानते हैं और भविष्य में भी उनके और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।”
अमित शाह की टिप्पणी से उड़ीं थीं अफवाहें
इससे पहले, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक साक्षात्कार में कहा था कि बिहार चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना चुनाव लड़ने का निर्णय, महाराष्ट्र की तरह, बैठकर तय किया जाएगा। शाह की इस टिप्पणी ने अटकलों को जन्म दिया था कि बीजेपी इस बार नीतीश कुमार के चेहरे पर निर्भर नहीं रह सकती।
शाह ने कहा था, “हम बैठकर फैसला करेंगे और निर्णय के बाद आपको सूचित करेंगे।”
2024 के लोकसभा चुनाव और बिहार की राजनीति
बीजेपी की यह घोषणा बिहार में एनडीए की रणनीति को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखी जा रही है। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में हैं, और 2025 में विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार के चेहरे पर सहमति गठबंधन में एकता बनाए रखने का संकेत है।
बीजेपी और जेडीयू (जनता दल-यूनाइटेड) के गठबंधन ने 2020 में चुनाव लड़ा था, जिसमें नीतीश कुमार को एनडीए का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया गया था। इस बार भी एनडीए उसी फार्मूले को दोहराने जा रहा है।