राजनीति

आंध्र प्रदेश में सियासी घमासान, चुनाव पूर्व किये वादों से पीछे हटे सीएम चंद्रबाबू नायडू

अमरावती। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में बयान दिया कि वह राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक कुछ “सुपर सिक्स” गारंटियों को लागू नहीं कर पाएंगे। यह बयान राज्य की राजनीति में गर्मागर्म बहस का कारण बन गया है।
नायडू ने वित्तीय संकट के लिए पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि 2022-23 में राज्य की आर्थिक स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई थी। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले किए गए कुछ वादों को वर्तमान वित्तीय संकट के कारण लागू करना संभव नहीं है।
“सुपर सिक्स” गारंटियां और वित्तीय संकट
नायडू ने चुनाव से पहले तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) गठबंधन के तहत छह बड़ी गारंटियों की घोषणा की थी:
1️. महिलाओं के लिए राज्य परिवहन (RTC) बसों में मुफ्त यात्रा।
2️. किसानों को “अन्नदाता सुखीभव” योजना के तहत ₹20,000 की सहायता।
3️. माताओं को “थल्ली की वंदनम” योजना के तहत ₹15,000 (बच्चों की शिक्षा के लिए)।
4️. महिलाओं के लिए “अदबिड्डा निधि” योजना के तहत ₹1,500 मासिक सहायता।
5️. बेरोजगार युवाओं को ₹3,000 का मासिक भत्ता।
नायडू ने कहा, “अगर राज्य के पास पर्याप्त फंड होते, तो मैं बिना किसी देरी के इन योजनाओं को लागू कर देता। मैं लोगों से झूठ नहीं बोल सकता।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पोलावरम परियोजना, अमरावती और विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के लिए आवंटित फंड को कल्याणकारी योजनाओं के लिए नहीं बदला जा सकता।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और विवाद
1️. वाईएसआर कांग्रेस का हमला:
• वाईएसआरसीपी प्रवक्ता अंबाती रामबाबू ने नायडू पर आरोप लगाया कि वह वाईएसआरसीपी सरकार पर दोष मढ़कर चुनावी वादों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। रामबाबू ने कहा, “हम पहले ही जनता को बता चुके थे कि नायडू अव्यावहारिक वादे कर रहे हैं। अब यह साफ हो गया कि उनके वादे झूठे थे। चुनाव के दौरान नायडू ने कहा था कि जगन सरकार ने ₹14 लाख करोड़ का कर्ज लिया, लेकिन सत्ता में आने के बाद यह आंकड़ा ₹6.46 लाख करोड़ बताया जा रहा है।”
2️. कांग्रेस नेता वाईएस शर्मिला का कटाक्ष:
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने नायडू पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने जनता को धोखा दिया। उन्होंने सवाल किया, “क्या नायडू को चुनाव से पहले राज्य की वित्तीय स्थिति का ज्ञान नहीं था?” उन्होंने कहा कि “नायडू का तर्क कि पहले राजस्व बढ़ाना जरूरी है, जनता को मूर्ख बनाने के समान है।”
3️. राजनीतिक विश्लेषक तेलकापल्ली रवि की टिप्पणी:
राजनीतिक विश्लेषक तेलकापल्ली रवि ने कहा कि “जनता के बीच यह भावना बढ़ रही है कि नायडू ने उनके साथ विश्वासघात किया है।”
• “जगन मोहन रेड्डी ने 2019 के चुनाव से पहले जो भी योजनाएं घोषित की थीं, उन्हें लागू किया, भले ही इससे राज्य वित्तीय संकट में चला गया।”
• “चार दशकों से राजनीति में रहने वाले नायडू को यह सोचना चाहिए था कि क्या राज्य इन योजनाओं को वहन कर सकता है।”
वाईएस जगन की रणनीति: नायडू को घेरने की तैयारी
पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने तीन हफ्तों की लंदन यात्रा के बाद टीडीपी सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की।
वाईएसआरसीपी ने एक बयान में कहा,
• “नायडू ने चुनाव से पहले ‘सुपर सिक्स’ गारंटियों का खूब प्रचार किया, लेकिन अब वे बहाने बना रहे हैं।”
• “हम इस मुद्दे को जनता तक ले जाएंगे और नायडू की सच्चाई को उजागर करेंगे।”
नायडू की सफाई: दो योजनाएं जल्द लागू होंगी
चुनावी वादों से पीछे हटने के कारण जनता में असंतोष बढ़ता देख नायडू सरकार ने “अन्नदाता सुखीभव” और “थल्ली की वंदनम” योजनाओं को जून से लागू करने की घोषणा की।
राज्य के कृषि मंत्री के. अचन नायडू ने कहा, “किसानों को अन्नदाता सुखीभव योजना के तहत खरीफ सीजन से पहले सहायता राशि तीन किस्तों में दी जाएगी।” इसके अलावा “माताओं को शिक्षा प्रोत्साहन देने वाली ‘थल्ली की वंदनम’ योजना अगले शैक्षणिक सत्र से लागू की जाएगी।”

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