जयपुर। एक ही दिन में रिकार्ड 50 लाख लीटर से अधिक दूध का संकलन कर राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ने नया इतिहास रचा है। डेयरी फेडरेशन के 45 वर्षों के इतिहास में एक ही दिन में यह सर्वाधिक दुग्ध संकलन है।
राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी की प्रशासक और प्रबन्ध संचालक सुषमा अरोड़ा ने बताया कि मंगलवार 10 जनवरी को राजस्थान राज्य में फेडरेशन से जुड़े 24 जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघों में 52 लाख 51 हजार लीटर दूध संकलित कर रिकार्ड बनाया है। इसमें जयपुर जिला दुग्ध संघ का हिस्सा लगभग आधा है।
इससे लगभग एक महिना पहले ही फेडरेशन ने 15 दिसम्बर 2022 को 43 लाख 3 हजार किलोग्राम दूध संकलित कर रिकार्ड बनाया था। वर्ष 1977 में डेयरी फेडरेशन की स्थापना से लेकर अब तक यह पहला मौका है जब राजस्थान राज्य की इस शीर्ष सहकारी डेयरी ने 50 लाख लीटर के आंकड़े को पार किया है। अरोड़ा ने कहा कि राजस्थान राज्य की सहकारी डेयरियों में दुग्ध संकलन में लगातार हो रही इस बढ़ोतरी में मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के अन्तर्गत दुग्ध उत्पादकों को मिलने वाले अनुदान का बहुत बड़ा योगदान है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय विकास बोर्ड, आणंद (गुजरात) द्वारा दिसम्बर, 2022 तक के जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार दुग्ध संकलन के क्षेत्र में राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन 5 वें स्थान से बढ़कर अब सम्पूर्ण भारतवर्ष में 38 लाख 82 हजार लीटर प्रतिदिन के औसत के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। दुग्ध संकलन में गुजरात और कर्नाटक के बाद अब राजस्थान का नम्बर है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष फेडरेशन के दुग्ध विपणन में भी 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले वर्ष जहां औसतन 18.54 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध का विपणन हो रहा था वहीं इस वर्ष यह 22.68 लाख लीटर प्रतिदिन है।
अरोड़ा ने राज्य सरकार द्वारा 50 लाख लीटर प्रतिदिन के दुग्ध संकलन के इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिये फेडरेशन के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों सहित जिला दुग्ध संघों के निर्वाचित अध्यक्षों और डेयरी कर्मचारियों को सहयोग के लिये धन्यवाद देते हुए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि सहकारी डेयरियों में महिलाओं की बढ़ती सहभागिता और दुग्ध उत्पादकों का मनोबल बढ़ाने के लिये आरसीडीएफ से वरिष्ठ अधिकारियों सहित डेयरी के फील्ड अधिकारियों और निर्वाचित अध्यक्षगण की फील्ड विजिटस के चलते राज्यभर के जिला दुग्ध संघों के दुग्ध संकलन में आशातीत बढ़ोतरी हो रही है।