जयपुर

कोटा, बूंदी, टोंक, दौसा व जयपुर जिलों की 22 ऎतिहासिक बावड़ियों का होगा पुनरूद्धार, मुख्यमंत्री ने दी 19.43 करोड़ की स्वीकृत

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा, बूंदी, टोंक, दौसा व जयपुर जिलों में ऎतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बावड़ियों के पुनरूद्धार के लिए 19.43 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है।

गहलोत की स्वीकृति से कोटा जिले की बड़गांव व खडे़ गणेश जी की बावड़ी के लिए 1.30 करोड़, बूंदी जिले के प्रथम चरण में अभयनाथ बावड़ी, बोहरजी का कुण्ड, भावल्दी बावड़ी, मीरा गेट बावड़ी, मालनमासी बावड़ी व शुक्ता बावड़ी के लिए 4.60 करोड़ तथा द्वितीय चरण में नागर-सागर कुण्ड़, मनोहर बावड़ी, क्लब बावड़ी, अनार कली बावड़ी व पुलिस लाईन की बावड़ी के लिए 4.60 करोड़, टोंक जिले की टोडारायसिंह-चोर बावड़ी, सहारदा बावड़ी, बोपत बावड़ी, किंग्सी बावड़ी व जगन्नाथ बावड़ी के लिए 3.98 करोड़ रूपये की लागत से पुनरूद्धार कार्य होंगे।

साथ ही, दौसा जिले की झाझीरामपुरा बावड़ी व भाण्डारेज की बावड़ी, जयपुर जिले की गोनेर के तालाब के पास स्थित बावड़ी व जगन्नाथ महादेव मन्दिर बावड़ी व आमेर स्थित पन्ना मीना कुण्ड के लिए 4.95 करोड़ के पुनरूद्धार कार्य कराए जाएंगे। उक्त कार्य पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के माध्यम से पर्यटन विकास कोष में से करवाया जाना है। इस प्रस्ताव में घोषणा में सम्मिलित बावड़ियों के अलावा जयपुर की जगन्नाथ महादेव मन्दिर बावड़ी को भी शामिल किया गया है।

पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा कार्य शुरू होने से पूर्ण होने तक की फोटोग्राफी करवाई जाएगी। साथ ही उक्त कार्यों का तृतीय पक्ष से ऑडिट भी करवाया जाएगा। बूंदी जिले के निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग हेतु समिति का भी गठन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 के बजट में राज्य की ऎतिहासिक बावड़ियों के लिए 20 करोड़ रूपए की लागत से पुनरूद्धार कार्य कराने की घोषणा की थी।

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