सामाजिक

जयपुर में मकर संक्रांति पर घायल पक्षियों के लिए विशेष चिकित्सा सुविधाएं

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में मकर संक्रांति के पर्व पर पतंगबाजी की जाती रही है। वर्षों के अनुभव से यह सीखने को मिला है कि पतंगबाजी के उत्साह में जहां आमजन तो घायल होते ही हैं, मूक प्राणी विशेषतौर पर पक्षी बड़ी संख्या मे घायल हो जाते है। घायल पक्षियों के उपचार के लिए शहर में विशेष व्यवस्था की गयी है। जयपुर में पतंगबाजी से घायल पक्षियों के उपचार हेतु 20 जनवरी तक पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक और 16 अन्य पशु चिकित्सा संस्थाएं सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक खुली रहेंगी।
घायल पक्षियों के उपचार की व्यवस्था:
1. कंट्रोल रूम:
o पांच बत्ती स्थित पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक जयपुर को कंट्रोल रूम बनाया गया है।
o संपर्क नंबर: 0141-2332237
o डॉक्टर जितेंद्र राजोरिया: 9414228901
2. अन्य पशु चिकित्सा संस्थान और संपर्क:
o हीरापुरा: डॉ अमित गोयल – 9024754721
o गांधीनगर: डॉ अनिल कुमार शांडिल्य – 9414849055
o दुर्गापुरा: डॉ नीरज शुक्ला – 9414028244
o नाहरी का नाका: डॉ सुरेंद्र सिंह शेखावत – 9829005334
o सिरसी: डॉ विक्रम सिंह – 9414467759
o हरमाड़ा: डॉ एनके वर्मा – 9660324545
o पुरानी बस्ती: डॉ पुष्पेंद्र कालोरिया – 9414726733
o आदर्श नगर: डॉ प्रवीण कुमार सोनी – 9829412052
o आमेर: डॉ सुनील जैन – 8302437820
o जगतपुरा: डॉ मोहनलाल मीणा – 7742439977
o मानसरोवर: डॉ निरूपा सीरवी – 9414324891
o जयपुर उत्तर: डॉ जितेंद्र कुमार – 8290015392
o झोटवाड़ा: डॉ रामकृष्ण बोहरा – 9414454282
o सांगानेर: डॉ कौशल मंडावरा – 9413805281
o जयपुर मुख्य चिकित्सालय: डॉ राकेश कुमार चौधरी – 9414276460
3. मोबाइल यूनिट:
o मौके पर घायल पक्षियों का उपचार सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल यूनिट तैनात की गई है।
o संपर्क: डॉक्टर जितेंद्र राजोरिया
शहरवासियों के लिए अपील:
• सुबह 6 से 8 बजे और शाम 5 से 7 बजे के बीच पतंगबाजी से बचें, क्योंकि यह पक्षियों के उड़ने का पीक समय होता है।
• चाइनीज मांझे का उपयोग न करें, क्योंकि यह पक्षियों के लिए घातक हो सकता है।
• घायल पक्षियों को बचाने के लिए सामूहिक प्रयास करें।
डॉ समित शर्मा का संदेश:
• आसमान में उड़ने का पहला अधिकार पक्षियों का है, हमें उनकी उड़ान में बाधा नहीं बनना चाहिए।
• घायल पक्षियों को समय पर उपचार देकर उनकी जान बचाने का प्रयास करें।
इस पहल का उद्देश्य पतंगबाजी के दौरान घायल पक्षियों को त्वरित और प्रभावी उपचार प्रदान करना है।

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