जयपुर। स्थाईकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मदरसा पैरा टीचर्स की गुरुवार को जयपुर में पुलिस से झड़प हो गई। शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे पैरा टीचर्स दिल्ली की ओर कूच करना चाह रहे थे। पुलिस ने उन्हें शहीद स्मारक पर ही रोक लिया। आक्रोशित पैरा टीचर्स ने पुलिस का विरोध किया, तो पुलिस ने उनपर लाठचार्ज कर दिया, जिसमें कुछ पैरा टीचर्स को चोटें आई है। इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि सरकार लाठी के दम पर आंदोलन को कुचलना चाहती है।
मदरसा पैरा टीचर्स संयुक्त मोर्चे के संरक्षक शमशेर खान ने बताया कि सरकार ने मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने का वादा किया था। दो महीने से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया। ऐसे में हमने दिल्ली जाकर कांग्रेस मुख्यालय में धरना देने की तैयारी कर रखी थी। राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने हमें जबरदस्ती जयपुर में ही रोक लिया है। हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर देती।
नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत मदरसा पैरा टीचर्स इससे पहले भी जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दे चुके हैं। तब पैरा टीचर्स ने सरकार के आश्वासन के बाद 6 दिन में ही अपना धरना समाप्त कर दिया था। सरकार की ओर से आश्वासन पूरा नहीं होने पर एक बार फिर पैरा टीचर जयपुर के शहीद स्मारक पर जुटे थे।
पैराटीचर्स पर लाठीचार्ज के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पैराटीचर्स पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि राजधानी के शहीद स्मारक पर मदरसा पैराटीचर्स नियमितिकरण की मांग को लेकर ढाई महीने से आंदोलनरत हैं। पैराटचर्स पर लाठीचार्ज की घटना निंदनीय है और गहलोत सरकार लाठी के दम पर आंदोलन को कुचलना चाहती है।
कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र में संविदा कर्मियों, एनआरएचएम और एनयूएचएम कर्मियों, पैरा टीचर्स, उर्दू पैराटीचर्स, लोक जुंबिश कर्मियों, आंगनबाड़ी कर्मियों, शिक्षा कर्मियों, विद्यार्थी मित्रों, पंचायत सहायकों सहित अन्य विभागों के कर्मियों के नियमितिकरण का वादा किया था। राजस्थान में कांग्रेस के जंगलराज के तीन साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन सरकार की कथनी और करनी में साफ अंतर दिखाई दे रहा है। चुनाव से पहले कर्मचारियों को भ्रमित कर गहलोत सरकार सभी वादों से यूटर्न ले रही है।