वाशिंग्टन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर आधी रात को एक तीखा हमला करते हुए बिशप मरियन एडगर बड को निशाना बनाया। बिशप ने वॉशिंगटन नेशनल कैथेड्रल में आयोजित नेशनल प्रेयर सर्विस के दौरान अप्रत्यक्ष रूप से ट्रंप पर टिप्पणी की थी।
बिशप मरियन एडगर बड का भाषण
बिशप बड ने 11 अन्य धर्मगुरुओं के साथ मंच साझा करते हुए कहा:
1. एकता का महत्व – उन्होंने स्पष्ट किया कि एकता का मतलब हमेशा राजनीतिक या वैचारिक सहमति नहीं होता।
2. कर्मों की जवाबदेही – बिशप ने कहा:
“ईश्वर उन प्रार्थनाओं से प्रभावित नहीं होते जिनका आधार अच्छे कर्म नहीं होते। और न ही ईश्वर हमें हमारे कर्मों के परिणामों से बचाते हैं, क्योंकि अंत में हमारे कर्म ही सबसे ज्यादा मायने रखते हैं, न कि हमारे बोले गए शब्द।”
3. दया और करुणा की अपील – उन्होंने नेताओं, खासकर ट्रंप, से प्रवासियों और हाशिए पर खड़े समुदायों के प्रति दया दिखाने की अपील की।
ट्रंप की प्रतिक्रिया
ट्रंप ने तीखी आलोचना करते हुए बिशप को:
• “कट्टरपंथी वामपंथी और ट्रंप विरोधी” कहा।
• आरोप लगाया कि उन्होंने चर्च को “अशोभनीय तरीके से राजनीति में घसीटा”।
• उनके लहजे को “अप्रिय” और प्रार्थना सभा को “उबाऊ और प्रेरणाहीन” बताया।
इसके अलावा, ट्रंप ने बिशप पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों, खासकर:
• अवैध प्रवासियों और उनसे जुड़े कथित अपराधों
• और उन आरोपों पर चुप्पी साधी कि कई प्रवासी विदेशों की जेलों या मानसिक संस्थानों से रिहा होकर अमेरिका पहुंचे हैं।
ट्रंप ने अपने बयान का अंत करते हुए बिशप और उनके चर्च से माफी मांगने की मांग की।
पृष्ठभूमि और संदर्भ
बिशप बड पहले भी ट्रंप के कार्यों की आलोचना कर चुकी हैं, खासकर उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान। उनका हालिया भाषण सामाजिक न्याय और कमजोर समुदायों के प्रति करुणा के समर्थन में उनकी व्यापक सोच को दर्शाता है।
ट्रंप की प्रतिक्रिया, उनके आक्रामक शैली की पहचान है, जिसमें वह प्रवासियों और उनकी नीतियों को लेकर अपनी पुरानी राजनीतिक सोच पर जोर देते हैं।
यह घटना अमेरिकी राजनीति और धर्म के बीच बढ़ते टकराव को उजागर करती है।