जयपुर

नगर निगम ग्रेटर और सरकार के बीच लंबी सियासी लड़ाई के बाद निगम ग्रेटर को विकास कार्यों के लिए मिले 23 करोड़

जयपुर। प्रदेश के नगरीय विकास विभाग और नगर निगम ग्रेटर, जयपुर के बीच लंबी सियासी लड़ाई के बाद अब विभाग ने निगम को विकास कार्यों के लिए 23 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की है। राजस्थान आवासन मण्डल ने विकास कार्यों के लिये यह राशि उपलब्ध कराई है। आवासन आयुक्त पवन अरोडा ने सोमवार को मण्डल मुख्यालय पर नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर और निगम आयुक्त महेन्द्र सोनी को इस राशि का चैक प्रदान किया।

आवासन आयुक्त ने बताया कि नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल की पहल पर आवासन मण्डल द्वारा नगर निगम को इतनी बडी राशि का भुगतान विगत 15 वर्षों में पहली बार किया गया है।

आवासन मण्डल द्वारा विक्रय की गई सम्पत्तियों से प्राप्त होने वाली राशि का 15 प्रतिशत हिस्सा नगर निगम को दिये जाने का प्रावधान है। वहीं आवासन मण्डल नगर निगम क्षेत्र में नियमित रूप से विकास कार्य करवाता है।

गत वर्ष नगर निगम के साथ हुई संयुक्त बैठक में वर्ष 2010-11 से 2019-20 के दौरान विक्रय की गई सम्पत्तियों के एवज में निगम को देय हिस्सा राशि एवं नगर निगम क्षेत्र में विकास कार्यों पर मण्डल द्वारा व्यय की गई राशि का समायोजन किया गया था। समायोजन के बाद मण्डल की निगम पर 55.58 करोड रुपये की राशि बकाया है।

अरोड़ा ने बताया कि निगम पर बकाया के बावजूद मण्डल ने उदारता के साथ निगम को 11.11 करोड रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से 2020-21 एवं 2021-22 की 15 प्रतिशत हिस्सा राशि का समायोजन करने के बाद उसके क्षेत्र में विकास कार्यों के लिये 23 करोड 23 लाख 12 हजार रुपये उपलब्ध कराए हैं।

उल्लेखनीय है कि निगम आयुक्त के साथ बदसलूकी मामले में सरकार की ओर से महापौर सौम्या गुर्जर को पद से हटा दिया गया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद गुर्जर फिर से इस पद पर काबिज हो पाई है, लेकिन सरकार और महापौर के बीच यह विवाद सुलटता दिखाई नहीं दे रहा है।

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