मनोरंजन जगत

प्रेमानंद जी महाराज ने विराट कोहली से कहा: “अभ्यास में कमी नहीं होनी चाहिए”

नयी दिल्ली। आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज ने भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली की भारतीय क्रिकेट में उनके असाधारण योगदान के लिए प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “आप अपने खेल के माध्यम से पूरे देश में खुशी फैला रहे हैं।”
हाल ही में विराट कोहली और उनकी अभिनेत्री पत्नी अनुष्का शर्मा ने अपने बच्चों, वामिका और अकाय के साथ वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात की। प्रेमानंद जी ने कोहली की मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रदर्शन ने लाखों प्रशंसकों पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।
उन्होंने कोहली को सलाह देते हुए कहा, “अभ्यास में कमी नहीं होनी चाहिए”, जो यह दर्शाता है कि महानता हासिल करने के लिए अनुशासन कितना आवश्यक है।
प्रेमानंद जी का संदेश
प्रेमानंद जी ने कहा, “हम दोनों अपने-अपने क्षेत्रों में एक ही काम कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि हम अपने अभ्यास के माध्यम से लोगों को खुशी दे रहे हैं। विराट अपने खेल के माध्यम से पूरे भारत को खुशी देते हैं। अगर वे जीतते हैं, तो पूरे भारत में आतिशबाजी होती है और देश जश्न मनाता है। क्या यह उनका अभ्यास नहीं है?”
उन्होंने आगे कहा, “अगर वे अपनी जीत भगवान को समर्पित करते हैं, तो पूरा भारत उनसे जुड़ जाता है। उनकी जीत से भारत का हर बच्चा खुश होता है। इसलिए, उनका अभ्यास यह है कि वे अपने अभ्यास में बने रहें। चाहे यह खेल ही क्यों न हो, लेकिन पूरा देश इससे आनंद लेता है। हमें, किसी भी वजह से, अपने अभ्यास की ताकत पर ध्यान देना चाहिए। हमारे अभ्यास में कोई कमी नहीं होनी चाहिए, और बीच-बीच में नाम सुमिरन भी करना चाहिए। यही उनका अभ्यास है।”
सफलता और असफलता पर विचार
जब सफलता और असफलता के बारे में पूछा गया, तो प्रेमानंद जी ने कहा कि भले ही अभ्यास में कोई कमी न हो, फिर भी हार का दुख झेलना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा, “अगर आपका अभ्यास परिपूर्ण है, फिर भी हार का दुख झेलना पड़ सकता है। कभी-कभी भाग्य का भी अपना योगदान होता है। अगर अभ्यास और भाग्य दोनों साथ हों, तो जीत मिलती है। कभी-कभी कैच लिया जाता है, कभी छूट जाता है। भाग्य और अभ्यास, दोनों का अपना-अपना महत्व है।”


विराट और अनुष्का की प्रशंसा
प्रेमानंद जी ने विराट और अनुष्का दोनों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “ये बहुत बहादुर लोग हैं, क्योंकि दुनियावी सम्मान पाने के बाद भी भक्ति की ओर मुड़ना बहुत कठिन है।”
उन्होंने यह भी कहा, “मुख्य बात यह है कि हम जितना हो सके, नाम जपें। चाहे बैठकर, चाहे खड़े होकर। कलियुग में हम सांसारिक और आध्यात्मिक, दोनों ही प्रगति कर सकते हैं। अगर हम नाम का सहारा लेते हैं, तो सबकुछ संभव है। भगवान पर निर्भर रहना सबसे बड़ी ताकत है। नाम जपें और प्रेम और आनंद के साथ जीवन व्यतीत करें।”
प्रेमानंद जी के इन शब्दों ने विराट कोहली और अनुष्का शर्मा को जीवन और खेल दोनों में संतुलन बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।

Related posts

फिल्म इंडस्ट्री में आईफा को लेकर उत्साह, जयपुर आयोजन के लिए तैयार: दिया कुमारी

Clearnews

37 साल की उम्र में विक्रांत मैसी के रिटायरमेंट की, क्या है असली वजह?

Clearnews

युजवेंद्र चहल का पोस्ट, तलाक की अटकलों के बीच ‘कर्म’ पर इशारा

Clearnews