पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर और प्रसिद्ध यूट्यूबर खान सर (फैज़ल खान) को उनके विवादित बयानों को लेकर कानूनी नोटिस जारी किया है। यह नोटिस संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (CCE) में कथित अनियमितताओं पर उनके दावों के संदर्भ में जारी किया गया है।
खान सर पर आरोप
• BPSC का आरोप है कि खान सर ने परीक्षा में स्कोर सामान्यीकरण (normalisation) प्रक्रिया को लेकर गलत जानकारी फैलाई, जिससे अभ्यर्थियों के बीच विरोध प्रदर्शन शुरू हुए।
• नोटिस के अनुसार, खान सर ने प्रदर्शन के दौरान आयोग को “बेशर्म” और “बकलोल” जैसे शब्दों से संबोधित किया।
• आयोग ने खान सर को 15 दिनों के भीतर अपने दावों के समर्थन में सबूत प्रस्तुत करने के लिए कहा है, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
खान सर ने प्रतिक्रिया में कहा,
“मैं छात्रों के हित में लड़ाई जारी रखूंगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि वे अपने वकीलों से परामर्श के बाद जवाब देंगे।
प्रशांत किशोर पर आरोप
• प्रशांत किशोर पर आरोप है कि उन्होंने बिहार में सरकारी नौकरियों को लेकर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
• किशोर ने कहा था कि सरकारी नौकरियां ₹1 करोड़ से ₹1.5 करोड़ तक में बेची जाती हैं, और इससे जुड़े भ्रष्टाचार का कुल मूल्य ₹1,000 करोड़ से अधिक है।
• BPSC ने उन्हें सात दिनों के भीतर अपने आरोपों के समर्थन में प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
पृष्ठभूमि और विवाद
यह विवाद 13 दिसंबर को हुई परीक्षा के दौरान कथित प्रश्न पत्र लीक की घटना के बाद शुरू हुआ।
• इस परीक्षा में पटना में 12,000 से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया।
• सरकार ने लीक के आरोपों को खारिज करते हुए प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए पुन: परीक्षा का आदेश दिया।
छात्रों का विरोध प्रदर्शन
• छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज कर दिया है।
• स्वतंत्र सांसद पप्पू यादव ने 12 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है।
• कांग्रेस छात्र विंग के नेता वरुण चौधरी ने भी विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर मौन व्रत का पालन किया।
यह मामला छात्रों के हितों और पारदर्शिता को लेकर बिहार में प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।