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बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2024 लोकसभा में पारित, जानिये इससे क्या बदलेगा.?

नई दिल्ली। लोकसभा ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को पारित कर दिया है। इस विधेयक के जरिए बैंकिंग नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाना और बैंकिंग प्रक्रियाओं को आसान बनाना है।
मुख्य बदलाव:

चार नॉमिनी बनाने की सुविधा:
अब खाताधारक अपने बैंक खाते या एफडी के लिए अधिकतम चार नॉमिनी नामांकित कर सकते हैं। पहले केवल एक नॉमिनी बनाने का प्रावधान था।
नॉमिनेशन के दो विकल्प:
सभी नॉमिनियों को तय हिस्सेदारी देना।
एक क्रम में नॉमिनी रखना, जिससे एक के बाद दूसरे को धन हस्तांतरित होगा।
इस बदलाव का उद्देश्य कोविड-19 महामारी के दौरान खाताधारकों की मृत्यु के बाद सामने आई वित्तीय समस्याओं को दूर करना है।
निदेशक पद की अर्हता में सुधार:
निदेशक पद के लिए ‘पर्याप्त हित’ की परिभाषा को अद्यतन किया गया।
अब इस सीमा को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये किया जा सकता है।
सहकारी बैंकों के लिए संशोधन:
सहकारी बैंकों में निदेशकों का कार्यकाल आठ साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया।
केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक को राज्य सहकारी बैंक के बोर्ड में नियुक्त किए जाने की मंजूरी दी गई।
वैधानिक लेखा परीक्षकों की स्वतंत्रता:
बैंकों को अपने वैधानिक लेखा परीक्षकों का पारिश्रमिक तय करने में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी।
नियामकीय अनुपालन में बदलाव:
बैंकों को अपने वित्तीय आंकड़ों की जानकारी हर महीने की 15वीं और आखिरी तारीख को देनी होगी। वर्तमान में, यह सूचना हर महीने के दूसरे और चौथे शुक्रवार को भेजी जाती है।
वित्त मंत्री की टिप्पणी:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस विधेयक को लोकसभा में पेश करते हुए कहा कि यह ग्राहकों और जमाकर्ताओं के लिए अधिक सुविधाजनक है। उन्होंने कहा:
जमाकर्ताओं को क्रमिक या एक साथ नामांकन का विकल्प मिलेगा।
लॉकर सुविधा के लिए केवल क्रमिक नामांकन की व्यवस्था होगी।
2014 से सरकार और आरबीआई बैंकों की स्थिरता बनाए रखने के लिए सतर्क हैं।
सरकारी बैंकों में सुधार:
सीतारमण ने कहा कि आज बैंक पेशेवर तरीके से काम कर रहे हैं। उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत है, जिससे वे बाजार में बॉन्ड और लोन के जरिए पूंजी जुटाने में सक्षम हैं। बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य ग्राहकों और बैंकों दोनों के लिए प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाना है। यह विधेयक बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित और कुशल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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