जयपुर

भगवान महावीर के सन्देश आज भी प्रासंगिक-गहलोत

पंचकल्याणक व महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम, कहा अहिंसा का सन्देश फैलाने के लिए सरकार ने बनाया शांति एवं अहिंसा विभाग

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश और दुनिया में भगवान महावीर की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। जहां शान्ति और अहिंसा का वातावरण होता है, वहीं ईश्वर का निवास होता है। सारे विश्व के बुद्धिजीवी भारत की पुरातन संस्कृति का सम्मान करते हैं, जिसका मूल कारण इसमें शान्ति और अहिंसा का निहित होना है।

मुख्यमंत्री गुरूवार को करौली के महावीरजी में पंचकल्याणक महोत्सव एवं महामस्तकाभिषेक समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पंचकल्याणक महोत्सव का झण्डारोहण कर शुभारम्भ करने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। भगवान महावीर की शिक्षाओं से प्रभावित होकर ही महात्मा गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के विचारों को धारण किया। इन्हीं विचारों से ही देश में स्वतन्त्रता आंदोलन प्रेरित हुआ। राज्य सरकार तीर्थ स्थल महावीरजी के विकास के लिए प्राथमिकता से कार्य कर रही है। श्री महावीरजी मे विगत वर्षों से शिक्षा, चिकित्सा, स्वच्छता सहित अन्य क्षेत्रों मे उत्कृष्ट प्रबन्धन के साथ मूलभूत सुविधाओं का तेजी से विकास किया गया है।

गहलोत ने मन्दिर परिसर में बनाए गए म्यूजियम की सराहना करते हुए कहा कि विशिष्ट शैली में निर्मित इस म्यूजियम में बहुत ही सुन्दर मूर्तियों की स्थापना की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भगवान महावीर की 24 फीट की प्रतिमा की स्थापना पर बधाई दी। मुख्यमंत्री ने महामस्तकाभिषेक व पंचकल्याणक महोत्सव के ध्वजारोहण के पश्चात मंदिर में भगवान श्रीमहावीरजी के दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने पंचकल्याणक व महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम की स्मारिका का भी विमोचन किया।

कार्यक्रम से मिल रहा समरसता का सन्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचकल्याणक महोत्सव से पूरे प्रदेश में सामाजिक समरसता का संदेश जा रहा है। महोत्सव के अन्तर्गत होने वाली गतिविधियों में विभिन्न समुदायों की भागीदारी रहती है, जिससे समाज में भाईचारे की भावना मजबूत होती है। सभी धर्मस्थलों में उनके द्वारा की जाने वाली प्रार्थनाओं के मूल में प्रत्येक मानव के कल्याण की बात होती है। श्री गहलोत ने कहा कि शान्ति, अहिंसा एवं सामाजिक समरसता की स्थापना से ही समाज का विकास सम्भव है।

अहिंसावादी शिक्षाओं के प्रसार के लिए बना विभाग
गहलोत ने कहा कि बाल्यकाल से ही उन्हें भगवान महावीर की शिक्षाओं से परिचित होने का अवसर मिला। सत्य और अहिंसा की विचारधारा को प्रसारित करने के लिए राज्य में शान्ति एवं अहिंसा विभाग की स्थापना की गई है। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में अहिंसावादी विचारों का व्यापक स्तर पर समावेश करने में विभाग द्वारा उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है।

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