नयी दिल्ली। आज, 26 जनवरी 2025 को, भारत ने अपना 76वां गणतंत्र दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया। नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित मुख्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस वर्ष के विशेष अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो थे, जो भारत और इंडोनेशिया के बीच प्रगाढ़ संबंधों का प्रतीक हैं।
भव्य परेड और सैन्य ताकत का प्रदर्शन
कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड में राष्ट्रपति मुर्मू ने परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार और सेकेंड-इन-कमांड मेजर जनरल सुमित मेहता से सलामी ली। परेड में भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत समन्वय देखने को मिला। भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने अपनी अनुशासन और आधुनिकता का प्रदर्शन किया।
राफेल और ब्रह्मोस बने आकर्षण का केंद्र
इस वर्ष की परेड में भारतीय सेना की तकनीकी प्रगति का भव्य प्रदर्शन किया गया। राफेल और सुखोई-30 विमानों ने विभिन्न फॉर्मेशन में उड़ान भरते हुए अपनी ताकत और नियंत्रण का परिचय दिया। इसके अतिरिक्त, ब्रह्मोस मिसाइल और पिनाका रॉकेट सिस्टम जैसे अत्याधुनिक हथियार भी प्रदर्शित किए गए।
संस्कृति और परंपराओं का प्रदर्शन
विभिन्न राज्यों की झांकियों ने भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता को प्रस्तुत किया। उत्तराखंड, राजस्थान और तमिलनाडु की झांकियों को विशेष सराहना मिली। पारंपरिक नृत्य, संगीत और लोक कलाओं ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित करते हुए कई अहम मुद्दों पर बात की।
1. आर्थिक प्रगति और आत्मनिर्भरता: उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले 76 वर्षों में रक्षा, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल की है।
2. संविधान की महत्ता: राष्ट्रपति ने संविधान को देश की सामूहिक अस्मिता का आधार बताते हुए इसे एक “जीवंत दस्तावेज” करार दिया।
3. महिलाओं की भागीदारी: उन्होंने संविधान सभा में महिलाओं के योगदान का जिक्र करते हुए सरोजिनी नायडू और सुचेता कृपलानी जैसी हस्तियों का स्मरण किया।
4. गरीबी उन्मूलन: राष्ट्रपति ने कहा कि आर्थिक सुधारों के चलते बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं।
5. वित्तीय समावेशन: उन्होंने प्रधानमंत्री जन धन योजना और अन्य योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि वंचित वर्गों को इनसे बड़ी सहायता मिली है।
भारत का उज्ज्वल भविष्य
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत की नई पीढ़ी देश को प्रगति के नए आयाम तक ले जाएगी। उन्होंने कहा कि न्याय, स्वतंत्रता और बंधुत्व जैसे मूल्यों को बनाए रखना हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। गणतंत्र दिवस का यह आयोजन न केवल देशवासियों में देशभक्ति की भावना को प्रबल करता है, बल्कि विश्व को भारत की शक्ति और संस्कृति का संदेश भी देता है।