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राजस्थानः नव प्रसारक नीति- अन्त्योदय के लक्ष्य को साकार करने में सरकार लेगी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का साथ, हर जिले में नव प्रसारक लाएंगे जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता

जयपुर। राजस्थान में बजट घोषणा को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने पहली बार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए नव प्रसारक नीति जारी की है। इस योजना में जुड़ने वाले नव प्रसारक पं. दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय की अवधारणा के अनुरूप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरीब कल्याण की सोच को साकार करने के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाएंगे।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी इस नीति में नव प्रसारकों के लिए दो श्रणियां बनाई गई हैं। इसके अनुसार श्रेणी ए में एक लाख से अधिक सब्सक्राइबर अथवा फॉलोअर्स वाले सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स और श्रेणी बी में न्यूनतम 7 हजार से 1 लाख तक सब्सक्राइबर अथवा फॉलोअर्स वाले सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स को रखा गया है। जिला स्तर पर प्रत्येक श्रेणी में एक-एक नव प्रसारक और संभाग स्तर पर श्रेणी ए में दो एवं बी में एक नव प्रसारक का चयन किया जाएगा। जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के प्रभारी इन नव प्रसारकों के मेंटर के रूप में इनके कार्य की निगरानी करेंगे। विभाग इन नव प्रसारकों को कंटेट क्रिएशन, वीडियो-ऑडियो एडिटिंग, एसईओ, सोशल मीडिया मैनेजमेंट और ब्रांडिंग आदि स्किल्स प्राप्त करने में मदद भी करेगा।
नव प्रसारक फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब में से अपने कम से कम दो सोशल मीडिया अकाउंट्स पर राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और निर्णयों से संबंधित एक पोस्ट प्रतिदिन अपलोड करेंगे। साथ ही, सरकार के विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल्स की पोस्ट्स को प्रतिदिन शेयर अथवा री-पोस्ट कर योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगे।
उल्लेखनीय है कि परिवर्तित बजट वर्ष 2024-25 में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में जोड़ने के लिए कौशल आधारित नव प्रसारक नीति लाने की घोषणा की गई थी।

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