जयपुर

राजस्थान के 143 शहरों में 1000 करोड़ के एफएसटीपी लगाए जाएंगे

सभी ट्रीटमेंट प्लांट संबंधित शहरों की आगामी 30 वर्ष की आवश्यकता को करेंगे पूरा

जयपुर। मुख्यमंत्री बजट घोषणा वर्ष 2021-22 और 2022-23 के तहत प्रदेश के 143 शहरों में 1000 करोड़ रुपए व्यय कर निदेशालय स्थानीय निकाय विभाग एवं आरयूआईडीपी द्वारा फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) लगाए जाएंगे।

इस संबंध में नगरीय विकास, स्वायत्त शासन एवं आवासन विभाग मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में गुरूवार को आयोजित बैठक में विभाग के तकनीकी अधिकारियों द्वारा फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट की आधुनिक तकनीक पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। बैठक में शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग डॉ जोगा राम सहित अन्य विषय विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी उपस्थित थे।

धारीवाल ने बताया कि प्रदेश के 143 शहरों में आरयूआईडीपी एवं निदेशालय स्थानीय निकाय विभाग द्वारा फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) लगाए जाएंगे। इन एफएसटीपी के लगने से प्रदेश के समस्त शहरों में फीकल स्लज ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। पूर्व में प्रदेश के 70 शहरों में विभिन्न योजनाओं एवं आरयूआईडीपी के माध्यम से सीवरेज ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है।

प्रदेश में लगने वाले 143 एफएसटीपी में से 68 एफएसटीपी आरयूआईडीपी द्वारा सादडी, रानी, शिवगंज, भीनमाल, सांचौर, पीपाड़ सिटी, बिलाड़ा, सोजत, मेड़ता सिटी, डेगाना, परबतसर, सागवाड़ा, सलूम्बर, नोहर, संगरिया, रावतसर, अनूपगढ़, केसरीसिंहपुर, श्री डुंगरपुर, राजगढ़, राजलदेसर, तारानगर, बिदासर, छबड़ा, अंता, रामगंजमण्डी, लाखेरी, इटावा, सुल्तानपुर, केकड़ी, विजयनगर, निवाई, गुलाबपुरा, मांडलगढ़, आसींद, बयाना, रूपवास, राजाखेड़ा, कोटपुतली, चाकसू, किषनगढ़-रेनवाल, खैरथल, थानागाजी, बहरोड़, उदयपुरवाटी, पिलानी,- विद्या विहार, बग्गड, श्रीमोधापुर, लोसल, तिजारा, डीग, कामां, गंगापुर, शाहपुरा-भीलवाड़ा, जोबनेर, जालौर, नीम का थाना, बाड़ी, पीलीबंगा, सूरतगढ़, चौमू, भीण्डर, कनोड, शाहपुरा-जयपुर, बांदीकुई, दौसा और करौली में लगाए जाएंगे।

इसी प्रकार 75 एफएसटीपी स्थानीय निकाय निदेशालय द्वारा सरवाड़, खेरली, राजगढ़, किशनगढ़बास, मंगरोल, देशनोक, भुसावर, कुम्हेर, नदबई, नगर, वैर, जहाजपुर, कापरेन, केशवरायपाटन, नैनवा, इन्द्रगढ़, बेंगू, कपासन, छापर, पदमपुर, करनपुर, श्रीबिजयनगर, विराटनगर, फलोदी, बिसाऊ, मुकुंदगढ़, सूरजगढ़, कैथून, सांगोद, कुचेरा, मुण्डवा, नावां, बाली, फालना, तख्तगढ़, पिण्डवाड़ा, रींगस, खाटू श्याम जी, देवली, मालपुरा, टोडारायसिंह, परतापुर गढ़ी, महुवा, पोकरण, अकलेरा, टोडाभीम, छोटी सादड़ी, आमेट, देवगढ़, नसीराबाद, बानसूर, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़, उच्चैन, अटरू, रतननगर, बसेड़ी, गजसिंहपुर, रायसिंहनगर, सादुलशहर, बगरू, बस्सी, पावटा, भवानी मण्डी, पिड़ावा, भोपालगढ, सुल्तानपुर, उनियारा, सीकरी, मंडावर, सरमथुरा, लालगढ- जाटन, सपोटरा, बामनवास, जवाल में लगाए जाएंगे। कैथून में 49 करोड़ रुपए की लागत से कम गहराई की सीवर लाईन, फीकल स्लज एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया जाएगा।

उन्होंनें बताया कि एफएसटीपी में आधुनिक स्वचलित मशीनों का उपयोग किया जाएगा। सम्पूर्ण ट्रीटमेंट पलांटों में पर्यावरण सुरक्षा में सुधार की दृष्टि से सभी गतिविधियां आधुनिक शेड के अन्दर रखी जाएंगी। सभी ट्रीटमेंट प्लांट संबंधित शहरों की आगामी 30 वर्ष की आवश्यकता को पूर्ण करेंगे। योजना में ट्रीटमेंट प्लांट के 10 वर्षीय रखरखाव का प्रावधान भी किया गया है। प्लांट से उपचारित जल का उपयोग ट्रीटमेंट प्लांट परिसर के उद्यानिकी कार्यो में किया जाएगा। प्लांट से निकलने वाले ठोस अपशिष्ठ को पायरोलिसिस पद्धति से उपचारित कर बायोचार का उपयोग खाद के रूप में किया जाएगा। प्लांट में विद्युत व्यय को कम करने के लिए सोलर पावर प्लांट भी लगेंगेब। सभी ट्रीटमेंट प्लांटों में निर्धारित मानकों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी।

धारीवाल ने बताया कि सभी एफएसटीपी चालू वित्तीय वर्ष में लगाए जाएंगे। उन्होनें अधिकारियों को निर्देश दिये कि एफएसटीपी के लिए भूमि चिन्हिकरण का कार्य एवं निविदा प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण की जाए और कार्य प्रारम्भ किया जाए।

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