जयपुर

राजस्थान डिजिफेस्ट-2022 में यूनिकॉर्न स्टार्ट अप्स के संस्थापकों ने साझा किए अनुभव, स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान में बना सकारात्मक माहौल

जयपुर। राजस्थान डिजिफेस्ट-2022 के दूसरे दिन बिड़ला ऑडिटोरियम में विभिन्न सत्रों में युवा आंत्रेपेन्योर्स ने अपने अनुभव साझा किए। इन युवा आंत्रेप्रेन्योर्स ने एक स्वर में कहा कि डिजिफेस्ट-2022 जैसे आयोजन युवाओं को अपना स्टार्ट अप शुरू करने के लिए प्रेरित करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। पिछले कुछ सालों में राजस्थान सरकार द्वारा स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने के लिए सकारात्मक माहौल उपलब्ध कराया जा रहा है, उससे प्रदेश में आंत्रेप्रोन्योरशिप के प्रति ईको-सिस्टम डवलप हुआ है।

उन्होंने बताया कि देशभर में पिछले तीन-चार साल में करीब 125 स्टार्ट अप यूनिकॉर्न की श्रेणी में आ गए हैं। स्टार्ट अप के माध्यम से विकास को भी गति मिली है। मोटिवेशनल स्पीकर एवं इस्कॉन से जुड़े गौरांगदास ने युवाओं को अपनी ताकत पहचानने और चिंता व तनाव मुक्त रहने के लिए प्रेरित किया।

पावर टॉक ऑन पाथ टू यूनिकॉर्न विषय पर आयोजित सत्र में यूनिकॉर्न फिजिक्सवाला के संस्थापक अलख पाण्डे, नो ब्रोकर के संस्थापक अखिल गुप्ता एवं कार देखो के संस्थापक अनुराग जैन ने अपनी शुरूआत से लेकर अब तक की यात्रा में आए उतार-चढ़ाव और कैसे स्टार्ट अप का आइडिया उनके दिमाग में आया इस पर विचार व्यक्त किए। नो ब्रोकर के संस्थापक अखिल गुप्ता ने कहा कि टेक्नोलॉजी ने जीने की राह आसान कर दी है। अपनी स्टार्ट अप के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पहले कोई नहीं सोच सकता था कि घर बैठे इंटरनेट पर बिना किसी ब्रोकर की मदद से घर खरीदना इतना आसान होगा यह पहले किसी ने नहीं सोचा था लेकिन आज उनके प्लेटफॉर्म पर लाखों लोग घर खरीदने के लिए सर्च करते हैं।

पढ़ाने में रूचि होने के कारण अपनी शुरूआत बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर करते हुए फिजिक्सवाला स्टार्ट अप शुरू करने के सफर को याद करते हुए अलख पाण्डे ने बताया कि आज हजारों बच्चे ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं। तकनीक के प्रयोग से विशेषज्ञ अध्यापकों तक बच्चों की पहुंच बनी है। यूनिकॉर्न स्टार्ट अप कार देखो के संस्थापक अनुराग जैन ने प्रगति मैदान में लगी कारों की प्रदर्शनी से आए आइडिया को मूर्त रूप देते हुए स्टार्ट अप की शुरूआत एवं विभिन्न मुश्किलों को पार करते हुए 14 साल तक का अपने सफर तय कर यहां तक पहुंचने के बारे में अनुभव साझा किए।

फायरसाइड चेट: राजस्थानी स्टालवार्ट सत्र में जयपुर वाच कंपनी के फाउंडर गौरव मेहता, एलीमेन्ट्री होम के संस्थापक आयुष बैद, टिंकरली के शरद बंसल एवं सिटी फर्निश के संस्थापक नीरव जैन ने बताया कि युवाओं को अपनी डिग्री करने के साथ ही स्टार्ट अप के बारे में भी सोचना शुरू कर देना चाहिए। महाविद्यालयों में आंत्रेप्रेन्योरशिप सेल होना चाहिए, जहां युवाओं को स्टार्ट अप शुरू करने में कैसे मदद मिल सकती है यह जानकारी मिले। एन इन्वेस्टर्स परस्पेक्टिव पर हुए पैनल डिस्कसन में राजस्थान एंजल इनोवेशन नेटवक्र्स के सह-संस्थापक रजनीश भंडारी, एक्ले वेंचर्स एवं एडवाइजरी सर्विस के मैनेजिंग पार्टनर विक्रम दुग्गल एवं थिंक्यूवेट के संस्थापक एडिसन अप्पू ने भी युवाओं के साथ अपने अनुभवों को साझा किया।

ट्रेलब्लेजिंग इन आंत्रेप्रेन्योरशिप पर आयोजित पैनल डिस्कसन में जो वल्र्ड के सह-संस्थापक धर्मवीर सिंह, डेल्हीवरी के सह-संस्थापक सूरज सहारण एवं मारवाड़ी कैटेलिस्ट्स के संस्थापक सुशील शर्मा ने स्टार्ट अप शुरू करने एवं इसे आगे बढ़ाने के अनुभव बांटे। वुमन्स लीडरशिप इन डिजिटल वल्र्ड विषय पर आयोजित सत्र में वुमन मेंटर्स फोरम की सह-संस्थापक अर्चना सुराणा, प्रथम सॉफ्टवेयर की सह-संस्थापक सुमिति मित्तल तथा ईएनटी सर्जन डॉ. अनिता भंडारी ने तकनीक के उपयोग से कैसे महिलाएं समाज में बदलाव ला सकती हैं इस पर विचार व्यक्त किए।

मास्टर द आंत्रप्रेन्योरशिप माइंड पर आयोजित सत्र में मोटिवेशनल स्पीकर एवं इस्कॉन के डिविजनल डायरेक्टर गौरांगदास ने आंत्रेप्रेन्योरशिप के लिए विजन एवं प्लानिंग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी स्टार्ट अप की सफलता के लिए टीमवर्क जरूरी है और अपनी टीम को विजन समझाना भी काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने गोवर्धन ईको विलेज पर एक शॉर्ट फिल्म दिखाई और बताया कि कैसे स्टार्ट अप के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव लाया जा सकता है। डिजिफेस्ट-2022 के दूसरे दिन बिड़ला ऑडिटोरियम में युवाओं का मेला लगा रहा। विभिन्न तकनीकी सत्रों में भी युवाओं एवं छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

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