नयी दिल्ली। भारत की दो बार की ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर और शतरंज के प्रतिभाशाली खिलाड़ी डी. गुकेश को प्रतिष्ठित मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के चार प्राप्तकर्ताओं में शामिल किया गया है। यह जानकारी गुरुवार को खेल मंत्रालय ने दी। यह घोषणा एक सप्ताह लंबे विवाद के बाद हुई, जब यह पता चला कि भाकर का नामांकन पहले शायद नजरअंदाज कर दिया गया था।
बाद में निशानेबाज ने नामांकन फाइल करने में अपनी ओर से संभावित ‘चूक’ को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि नामांकन फाइल करने में मेरी ओर से चूक हुई हो सकती है, जिसे सुधारा जा रहा है। पुरस्कार से परे, मैं अपने देश के लिए और अधिक पदक जीतने के लिए प्रेरित रहूंगी। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि इस विषय पर अटकलें न लगाएं।”
इस साल के खेल रत्न पुरस्कार के अन्य दो प्राप्तकर्ता भारत की पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा-एथलीट प्रवीण कुमार हैं। खेल रत्न पुरस्कार देश का सर्वोच्च खेल सम्मान है।
भाकर ने अगस्त में पेरिस ओलंपिक में इतिहास रच दिया, जब वह स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बनीं, जिन्होंने एक ही संस्करण में दो पदक जीते। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट्स में कांस्य पदक हासिल किया।
इसी खेलों में, हरमनप्रीत ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम का नेतृत्व किया, जिसने लगातार दूसरा कांस्य पदक जीता और भारतीय खेलों में अपनी विरासत को और मजबूत किया। वहीं, 18 वर्षीय शतरंज के प्रतिभाशाली खिलाड़ी गुकेश ने सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैंपियन बनने का रिकॉर्ड बनाया और पिछले साल शतरंज ओलंपियाड में भारत को ऐतिहासिक स्वर्ण पदक दिलाने में योगदान दिया।
चौथे प्राप्तकर्ता प्रवीण कुमार को पेरिस पैरालंपिक्स में उनकी असाधारण प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया, जहां उन्होंने T64 हाई जंप का खिताब जीता। T64 वर्गीकरण उन एथलीट्स के लिए है जिनके एक या दोनों पैर घुटने के नीचे से नहीं हैं और वे दौड़ने के लिए कृत्रिम पैर का उपयोग करते हैं।
खेल मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में पुष्टि की है कि पुरस्कार विजेताओं को भारत के राष्ट्रपति द्वारा 17 जनवरी, 2025 को राष्ट्रपति भवन में एक विशेष समारोह के दौरान सम्मानित किया जाएगा।