नयी दिल्ली। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 2013 के बलात्कार मामले में स्वघोषित धर्मगुरु आसाराम को 31 मार्च 2025 तक चिकित्सकीय आधार पर अंतरिम जमानत दी।
हालांकि, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने आसाराम को रिहाई के बाद अपने अनुयायियों से मिलने पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 86 वर्षीय आसाराम कई आयु संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के साथ-साथ हृदय रोग से भी पीड़ित हैं।
शीर्ष अदालत ने 2023 में गांधीनगर कोर्ट द्वारा आसाराम को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की याचिका पर गुजरात सरकार का जवाब मांगा था।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह केवल चिकित्सकीय आधार पर मामले की जांच करेगा।
29 अगस्त 2024 को गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम की सजा को निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें राहत देने के लिए कोई आधार नहीं पाया।
ट्रायल कोर्ट ने जनवरी 2023 में आसाराम को 2013 के मामले में दोषी ठहराया था। यह मामला एक महिला द्वारा दर्ज कराया गया था, जो अपराध के समय गांधीनगर के पास उनके आश्रम में रहती थी। उल्लेखनीय है कि आसाराम वर्तमान में राजस्थान के जोधपुर जेल में एक अन्य बलात्कार मामले में बंद हैं।