जयपुर

अकबर महान पढ़ाने के चक्कर में कांग्रेस ने अपना बेड़ागर्क कराया, मुगल चले गए और अपने पीछे कांग्रेसी एजेंट छोड़ गए—भाजपा

महाराणा प्रताप-अकबर युद्ध को सत्ता संघर्ष बताने पर घिरे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा

जयपुर। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा महाराणा प्रताप और अकबर के बीच युद्ध को सत्ता का संघर्ष बताने पर राजनीति तेज हो गई है। वहीं इस मामले को लेकर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण का भी आरोप जड़ दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित नेताओं ने भाजपा सांसद, प्रदेशाध्यक्ष सहित कई नेताओं ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा को घेर लिया है और माफी मांगने की मांग उठाई।

मामले पर ट्विट कर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि महाराणा प्रताप के संघर्ष को सिर्फ सत्ता की लड़ाई बताकर कांग्रेस ने मेवाड़ के स्वाभिमानी इतिहास को ललकारा है। महाराणा प्रताप ने आजीवन मातृभूमि की रक्षा के संकल्प को जारी रखा। उन्होंने मेवाड़ के स्वाभिमान के खातिर जंगलों में घांस की रोटियां खाई। ऐसे पराक्रमी योद्ध के अपमान पर कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

डोटासरा ने गुरुवार को नागौर जिले में दो दिवसीय जिला स्तरीय कांग्रेस कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में पहले दिन कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ‘भाजपा ने अपने राज के दौरान विद्या भारती की तर्ज पर पाठ्यक्रम बनवाए। उन्होंने महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुई लड़ाई को धार्मिक लड़ाई बताकर पाठ्यक्रम में शामिल करवा रखा था, जबकि ये सत्ता का संघर्ष था। भाजपा हर चीज को हिन्दू-मुस्लिम के धार्मिक चश्मे से देखती है।’

इस बयान के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ.सतीश पूनिया, प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेताओं ने ट्विटर वार शुरू कर दिया। भाजपा विधायक दल के उप नेता राठौड़ ने डोटासरा को महाराणा प्रताप के प्रति आदतन कुंठित मानसिकता रखने वाला बता दिया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ.पूनिया ने कहा कि वोट बैंक पॉलिटिक्स के चलते ऐसे बयान देना उनकी मजबूरी है।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कटाक्ष के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा को चेतावनी तक दे डाली और कहा कि मुगल चले गए, लेकिन अपने पीछे कांग्रेसी एजेंट को छोड़कर गए। जो मातृभूमि के सम्मान की लड़ाई को सत्ता से जोड़ देते हैं। डोटासरा किस आधार पर कह रहे हैं कि प्रदेश के माथे के तिलक महाराणा प्रताप ने अकबर से सत्ता के लिए युद्ध किया था ? उन्होंने ट्विट किया कि आप माफी मांगे। अगली बार हमारे महाराणा प्रताप का नाम राजनीति के लिए उनका नाम इस तरह से बदनाम नहीं किया जाए।

प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि दुर्भाग्य ये है कि इन लोगों को प्रताप दिखते ही अकबर दिख जाता है। भारत में आप किसी को भी पूछोगे तो प्रताप और अकबर के बीच अगर तुलना हो तो प्रताप का जीवन राष्ट्र के लिए स्वाभिमान और मूल्यों की लड़ाई के लिए रहा। राज की अगर इच्छा होती तो जयपुर वाले मान सिंह की लाइन में प्रताप चले जाते। मगर प्रताप नहीं गए। अकबर महान है पढ़ाने के चक्कर में कांग्रेस ने अपना बेड़ागर्क करा लिया है। कांग्रेस का चश्मा है कि इन्होंने हमेशा मुस्लिम तुष्टीकरण को पाला है। इसलिए ये अपनी पार्टी का अस्तित्व खो रहे हैं और खुद का भी अस्तित्व खो देंगे। कांग्रेस की जो दुर्गति आज हुई है उसका बड़ा कारण ये ही है।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ.सतीश पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि महाराणा प्रताप का अकबर के साथ युद्ध सत्ता संघर्ष नहीं बल्कि राष्ट्रवाद की लड़ाई थी। डोटासरा पहले भी इस मामले पर विवादित बयान दे चुके हैं, आखिर कांग्रेस पार्टी को मुस्लिम वोटों को खोने का इतना डर क्यों है।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा महाराणा प्रताप और अकबर की लड़ाई ‘संप्रभुता, स्वतंत्रता और स्वाभिमान’ की लड़ाई थी जो भारतीय संविधान के आदर्श हैं ना कि सत्ता की लड़ाई थी। प्रदेश की आन बान शान के प्रतीक महाराणा प्रताप के खिलाफ बार-बार कुंठित मानसिकता का परिचय देना आपकी आदत में शुमार हो गया है।

डोटासरा को कटारिया भले ही कठघरे खड़ा कर रहे हों, लेकिन पहले वह खुद महारणा प्रताप पर बेतुका बयान दे चुके हैं। उपचुनाव के दौरान उन्होंने भरे मंच से महाराणा प्रताप को लेकर विवादित बयान दिया था। इसको लेकर मेवाड़ में काफी विरोध भी हुआ। इसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी।

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