जयपुर। अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से भारी तबाही मच गई है। तेज बारिश के बाद पानी के साथ आए मलबे की चपेट में आने के बाद गुफा के नीचे लगे 25 से अधिक लंगर टैंट बाढ़ में बह गए। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के भी इस बाढ़ की चपेट में आने की संभावना है। जम्मू—कश्मीर पुलिस, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की तरफ से यहां राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है।
रात साढ़े आठ बजे के करीब जम्मू—कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि इस हादसे में अभी तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। तीन लोगों का रेस्क्यू किया गया। हादसा उस समय हुआ जबकि अमरनाथ गुफा में आरती चल रही थी। अचानक तेजी के साथ गुफा के पास से पानी के साथ मलबा भी आया और श्रद्धालुओं को अपने साथ बहा ले गया। आशंका है कि अभी भी कुछ श्रद्धालु मलबे में दबे हो सकते हैं। हादसे के बाद यात्रा को रोक दिया गया है। राहत और बचाव कार्य पूरे होने के बाद यात्रा को दोबारा शुरू किया जाएगा।
हादसे की जानकारी मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पीडित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। मोदी ने जम्मू—कश्मीर के एलजी से हालात की जानकारी ली। मोदी ने कहा कि राहत बचाव के लिए हर संभव सहायता पहुंचाई जा रही है।
जानकारी के अनुसार गुफा के पास मौजूद श्रद्धालुओं को निकालने के लिए उन्हें एयरलिफ्ट किया जा रहा है। रात में भी एनडीआरएफ व अन्य सुरक्षा बलों की ओर से राहत और बचाव कार्य चलाया जाएगा। अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की जानकारी के लिए इनक्वायरी नंबर जारी किए हैं।
जानकारी के अनुसार बाबा बर्फानी की गुफा से करीब दो किलोमीटर दूर शाम साढ़े पांच बजे के करीब बादल फटा था। कुछ ही देर में पानी के साथ मलबा बह कर गुफा के नजदीक से तेज बहाव के साथ बहने लगी थी। घटना की सूचना के बाद तत्काल राहत दल गुफा की तरफ भेजे गए। अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया। पंचतरणी में यात्रा को रोक दिया गया। बताया जा रहा है कि करीब 40 यात्रियों की तलाश की जा रही है। यह यात्री शाम के समय लंगर पांडालों में भोजन कर रहे थे।