लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता से संबंधित याचिका पर केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए समय सीमा बढ़ा दी। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च 2025 की तारीख तय की।
मामले की पृष्ठभूमि:
अदालत ने 25 नवंबर 2024 के अपने आदेश में केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय में दायर उस प्रतिनिधित्व पर हुई कार्रवाई का विवरण प्रस्तुत करे, जिसमें राहुल गांधी पर ब्रिटिश नागरिकता का आरोप लगाया गया है।
सरकार का पक्ष:
सरकार तय समय सीमा के भीतर अपना जवाब दाखिल नहीं कर सकी। इसके वकील ने अदालत से अतिरिक्त समय की मांग की, जिसे स्वीकार कर लिया गया। अब केंद्र सरकार 24 मार्च 2025 तक अपना जवाब दाखिल कर सकती है। यह जानकारी केस में हस्तक्षेप करने वाले वकील अशोक पांडे ने दी।
याचिका का विवरण:
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की डिवीजन बेंच ने कर्नाटक के भाजपा नेता और अधिवक्ता एस. विग्नेश शिशिर की याचिका पर दिया। याचिका में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा राहुल गांधी की नागरिकता की जांच की मांग की गई है।
पहले का घटनाक्रम:
जुलाई 2024 में अदालत ने शिशिर को इसी तरह की याचिका वापस लेने की अनुमति दी थी, साथ ही उन्हें नागरिकता अधिनियम के तहत अन्य कानूनी उपाय अपनाने का विकल्प दिया था। इसके बाद, शिशिर ने गृह मंत्रालय को दो प्रस्तुतियाँ दीं, जिसमें राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को उनकी कथित ब्रिटिश नागरिकता के आधार पर रद्द करने की मांग की गई।
मुख्य बिंदु:
• कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 24 मार्च 2025 तक का समय दिया।
• मामला राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता से संबंधित।
• भाजपा नेता एस. विग्नेश शिशिर ने सीबीआई जांच की मांग की।
• गृह मंत्रालय को पहले भी दो प्रस्तुतियाँ दी गई थीं।