मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में गिरफ्तार नहीं करने की एवज में मांगी जा रही थी रिश्वत
जयपुर। जयपुर एसीबी की टीम ने अजमेर में बड़ा एक्शन लेते हुए अजमेर एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को गिरफ्तार किया है। मित्तल को दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह रिश्वत उसने बर्खास्त पुलिसकर्मी सुमित कुमार की मार्फत मांगी थी। उनके अजमेर कार्यालय, फ्लैट समेत पांच ठिकानों पर एसीबी की ओर से जांच की कार्रवाई की जा रही है। एसीबी जयपुर इकाई के एएसपी बजरंग सिंह की टीम डीजी हेमंत प्रियदर्शी और एडीजी दिनेश एमएन के निर्देशन में इस कार्रवाई को अंजाम दे रही है।
एसीबी अधिकारियों के अनुसार एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल के पास अजमेर के रामगंज थाने में दर्ज एनडीपीएस एक्ट के एक मामले की जांच चल रही है। नशीली दवाओं के इस मामले में इसमें परिवादी का नाम हटाने के एवज में वह परिवादी से दो करोड़ रुपए रिश्वत की मांग कर रही थी। यह राशि स्वयं और उच्चाधिकारियों के नाम पर मांगी जा रही थी। जयपुर एसीबी ने परिवादी की शिकायत का सत्यापन कराया और सत्यापन के बाद एएसपी मित्तल को ट्रेप करने की कार्रवाई शुरू की, लेकिन सूचना लीक हो जाने के कारण ट्रेप फेल हो गया और उसके बाद एसीबी ने मित्तल के ठिकानों पर छापे मारकर जांच शुरू की है।
एसीबी के अनुसार परिवादी ने एसीबी मुख्यालय पर शिकायत दी थी कि एनडीपीएस के इस मामले में वह निदोष है, इसके बावजूद उसका नाम इस मामले में डाला गया है। परिवादी का आरोप था कि एएसपी दिव्या मित्तल उदयपुर के एक रिसोर्ट में मिली थी और उन्होंने वहां दो करोड़ रुपए की मांग की थी। उसने रिश्वत देने में असमर्थता जताई तो उसे डराया-धमकाया गया। इसके बाद परिवादी ने जयपुर आकर एसीबी मुख्यालय में एएसपी के खिलाफ शिकायत कराई। शिकायत दर्ज होने के बाद दो तरीकों से सत्यापन कराया गया।
सत्यापन वार्ता में आरोपियों द्वारा परिवादी के अनुनय-विनय करने पर पहले 1 करोड़ रुपए पर बात की गई, बाद में 50 लाख रुपए पर सहमति जाहिर कर दी गई। आरोपी रिश्वत के रूप में 25 लाख रुपए अभी लेने और 25 लाख रुपए परिवादी की बहन की शादी के बाद लेने पर राजी हुए। इस दौरान एसीबी कार्रवाई की भनक लगने के कारण आरोपियों ने रिश्वत की राशि नहीं ली। इसके बाद आरोपी दलाल सुमित कुमार फरार हो गया। आरोपी दलाल द्वारा परिवादी से रिश्वत मांगने के लिए चालाकी से इंटरनेट कॉल का उपयोग किया गया, लेकिन एसीबी टीम द्वारा शिकायत का विधिसम्मत सत्यापन किया गया।
सोमवार को कोर्ट से वारंट लेने के बाद एसीबी की टीम ने एएसपी मित्तल के कार्यालय, जयपुर रोड स्थित फ्लैट, सिकलवास बडग़ांव स्थित रिसोर्ट, चिडावा स्थित उसके पैतृक निवास और जयपुर स्थित एक फ्लैट की तलाशी शुरू कर दी। इस मामले में एएसपी दिव्या मित्तल और बर्खास्त कांस्टेबल के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार सर्च के दौरान बैंक अकाउंट और लॉकर को लेकर अहम जानकारी मिली है। वहीं एसीबी ने एसओजी कार्यालय से कई फाइलें भी जप्त की है। जानकारी के अनुसार पूछताछ में दिव्या मित्तल ने रिश्वत की राशि में से ऊपर के अधिकारियों को भी हिस्सा देने का अरोप लगाया है। ऐसे में एसीबी की ओर से पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों की संलिप्तता के संबंध में गहन पूछताछ की जा रही है।
एसीबी की इस कार्रवाई पर एएसपी दिव्या मित्तल का कहना है कि ड्रग माफिया को ट्रेक करने का उन्हें यह ईनाम मिला है। मैने कोई रिश्वत नहीं मांगी, यदि मैं रिश्वत मांगती तो मैं यहां नहीं मिलती, यह सब ड्रग माफिया का जाल है, ताकि उनके पास से फाइल हट जाए, क्योंकि मैं लगातार उन्हें ट्रेक कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अजमेर पुलिस के कई अधिकारी भी इसमें मिले हुए हैं।