जयपुर। कांग्रेस में टिकट दिए जाने की प्रक्रिया को लेकर बड़े स्तर पर बदलाव की तैयारी चल रही है। अब एक परिवार से केवल एक ही टिकट मिलेगा। उदयपुर में चिंतन शिविर में संगठन में बदलाव और राजनीतिक मामलों पर बने पैनल ने यह सिफारिश की है।
कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी महासचिव अजय माकन ने उदयपुर में शुक्रवार में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारे पैनल में यह चर्चा हुई है कि एक परिवार से एक टिकट के फार्मूला को लागू किया जाए। जिसे भी टिकट दिया जाए, उसने कम से कम 5 साल पार्टी में काम किया हो। सीधे टिकट नहीं दिया जाए। नए आने वालों नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन इस नियम में गांधी परिवार को छूट दी जाएगी। यह फार्मूला उन पर लागू नहीं होगा।
माकन ने कहा कि इस बात की भी सिफारिश की गई है कि पार्टी में लगातार 5 साल के काम करने के बाद किसी को दूसरा पद नहीं दिया जाए। कम से कम 3 साल का कूलिंग पीरियड रहे। तीन साल के अंतराल के बाद ही आगे कोई पद दिया जाए।
अगर किसी नेता का बेटा या दूसरा नेता टिकट लेना चाहता है तो उसे कम से कम पांच साल संगठन में काम करना होगा। कांग्रेस में 5 साल लगातार पद पर नहीं रहने का नियम लागू होने पर आधे से ज्यादा नेता बाहर हो जाएंगे। नेताओं के बेटों को भी पांच साल पार्टी में काम करने के बाद ही टिकट मिलेगा।
जब मीडिया ने माकन से गांधी परिवार पर यह प्रावधान लागू होने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि यह सवाल गांधी परिवार का नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव संगठन चुनाव की प्रक्रिया से होगा। नव संकल्प चिंतन शिविर से कांग्रेस अध्यक्ष के चयन का कोई संबंध नहीं है।
कांग्रेस नेता के परिवार के किसी दूसरे सदस्य को टिकट तभी दिया जाएगा, जब वह पांच साल से सक्रिय हो, यदि कोई नया सदस्य कांग्रेस में आता है तो उसे पहले 5 साल संगठन में काम करना होगा, उसके बाद ही टिकट मिलेगा। वहीं यह भी तय किया है कि अब पैराशूट उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया जाएगा, उन्हें भी पहले 5 साल संगठन में काम करना पड़ेगा।