जयपुर। देश में दूसरी लहर की समाप्ति के बाद से ही लगातार तीसरी लहर की संभावनाएं जताई जा रही है। राजस्थान में नवंबर में फिर से कोरोना संक्रमण के मामले बढऩे लगे हैं। हालांकि अभी संक्रमण बढऩे की दर न्यूनतम स्तर पर है, लेकिन 15 नवंबर से प्रदेशभर में 100 फीसदी क्षमता के साथ स्कूल खोले जाने और स्कूली बच्चों में संक्रमण के मामले सामने आने के साथ ही फिर से दहशत का माहौल बनने लगा है। संभावनाएं जताई जा रही है कि राजस्थान में कोरोना की तीसरी लहर की शुरूआत स्कूलों से तो नहीं होने वाली है।
जयपुर के जयश्री पेड़ीवाल अंतरराष्ट्रीय स्कूल में एक दिन में 12 कोरोना संक्रमित बच्चे मिले हैं। बच्चों के संक्रमित होने का खुलासा होते ही प्रबंधन ने स्कूल को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है। जानकारी के अनुसार स्कूल के 185 बच्चों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 12 बच्चे संक्रमित मिले। सभी बच्चे एसिमटोमैटिक हैं। प्रबंधन के अनुसार मुंबई से आया एक बच्चा कोरोना संक्रमित होने के कारण कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग के अनुसार अन्य बच्चों के भी सैंपल लिए गए थे, तब इतने बच्चों के संक्रमित होने की जानकारी मिली।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व एसएमएस स्कूल में भी दो बच्चे संक्रमित मिले थे। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने चार दिनों के लिए स्कूल में ऑफलाइन पढ़ाई को बंद कर दिया था। पूरी क्षमता से स्कूलों के शुरू होने के बाद से अभी तक 19 बच्चे संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से एक ढाई साल के बच्चे की तो संक्रमण के कारण मौत भी हो चुकी है, जिससे परिजनों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है। परिजन भी अब सोचने को मजबूर हो गए हैं कि वह बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं।
11 बच्चों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद शिक्षामंत्री भी गंभीर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों में कोरोना संक्रमण को लेकर बुधवार को शिक्षा संकुल में बैठक आयोजित कर इस मामले में हर बिंदु पर किया जाएगा विचार, ऑनलाइन क्लासें जारी रखने को भी हो सकता है निर्णय।
15 दिन क्वारंटाइन का नियम, फिर स्कूल कैसे कर रही मनमानी
स्कूली छात्रों के संक्रमित मिलने के बाद अब सरकार और स्कूलों पर सवाल खड़े होते हैं। जब कोरोना संक्रमण की संभावना के चलते 15 दिन के क्वारंटाइन का नियम है, फिर एक स्कूल ने मात्र चार दिन और दूसरे स्कूल ने एक सप्ताह के लिए ही स्कूल को बंद क्यों किया। 15 दिनों के लिए स्कूलों को बंद क्यों नहीं किया गया? क्या सरकार ने संक्रमित मिले बच्चों के परिजनों के टेस्ट कराए या नहीं? यदि बच्चों से उनके परिजनों में संक्रमण फैलता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? क्या स्कूलों से तो कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की शुरूआत नहीं हो रही है? क्या सरकार स्कूलों को फायदा पहुंचाने के लिए बच्चों की जान जोखिम में तो नहीं डाल रही है?