पायलट को गद्दार बोलकर गहलोत ने चक्रव्यूह में फांसा, हंगामा हुआ तो पायलट के सर फूटेगा ठीकरा
जयपुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जल्द ही राजस्थान में प्रवेश करने वाली है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे सियासी युद्ध के बीच आशंकाएं जताई जा रही थी राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हंगामा हो सकता है, क्योंकि गुर्जर समाज सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग को लगातार उठा रहा है और भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की चेतावनी दे रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को ट्रंप कार्ड खेलते हुए पायलट पर दोबारा सवालिया निशान खड़े कर दिए, ऐसे में अब यदि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गुर्जर समाज की ओर से कोई परेशानी पैदा की जाती है, तो उसका ठीकरा पायलट के सर फूटना तय माना जा रहा है।
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने से पूर्व शुरू हुई अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की सियासत खत्म नहीं हो पा रही है और शह—मात का खेल लगातार चल रहा है। अब बात राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर है। हाल ही में एक मीडिया समूह को दिए अपने इंटरव्यू में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान देते हुए अब सचिन पायलट के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है। राजनीति के जानकारों की मानें तो सीएम अशोक गहलोत ने पायलट के खिलाफ बयान देकर उन्हें ट्रेप मे फांस लिया है। गहलोत ने कहा कि एक गद्दार प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बन सकता और हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता। एक ऐसा शख्स, जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं, ऐसा शख्स, जिसने विद्रोह किया, पार्टी को धोखा दिया, वह गद्दार हैं।गहलोत ने साफ़ कहा कि, ‘अगर सचिन पायलट ने आलाकमान के साथ प्रदेश की जनता, पार्टी विधायकों से माफ़ी मांगी होती तो मुझे दिल्ली जाकर माफ़ी मांगनी नहीं पड़ती।’
25 सितम्बर को हुए सियासी घटनाक्रम से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘जिन विधायकों ने अलग से बैठक बुलाई उन्हें आप बागी नहीं कह सकते। इससे पहले भी बगावत हुई थी और 34 दिन तक होटल में रहे थे ये लोग, ये वही 90 लोग हैं जिन्होंने सरकार बचाने में सहयोग किया था। बिना हाईकमान के आदेश के कोई भी मुख्यमंत्री सरकार बचाने का काम नहीं कर सकता। अगर हाईकमान का साथ होता है तभी लोग साथ देते हैं। ये लोग मेरे कहने से नहीं कर रहे ये सब कांग्रेस आलाकमान के साथ हैं। 25 सितम्बर को जो कुछ भी हुआ वो मेरे कहने से नहीं हुआ अगर एक भी विधायक ये कह देगा तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।’
वहीं जब 90 विधायकों की नाराजगी से जुड़ा सवाल गहलोत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, वो नाराज इसलिए हुए थे क्योंकि उनके बीच एक बात फैला दी गई कि मुख्यमंत्री सचिन पायलट को बना दिया जाएगा। यही नहीं सचिन पायलट ने भी इस तरह का व्यवहार किया वहां पर कि वो मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। विधायकों को टेलीफोन किया और कहा कि आप हाईकमान पर छोड़ना आब्जर्वर आएंगे। ऐसे में विधायकों को लगा कि एक लाइन का प्रस्ताव पारित होगा और अगले दिन सचिन पायलट की ताजपोशी हो जायेगी। इस भ्रम के अंदर वो सभ एक जगह इकट्ठे हो गए। उन्हें डर था कि जिसके कारण 34 दिन तक होटल में रहना पड़ा, जो अमित शाह के साथ मिलकर सरकार गिराने का काम कर रहे थे, उन्हें कैसे मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार किया जाये।’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने इंटरव्यू में कहा कि, ‘अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान दोनों इस षड्यंत्र में शामिल थे, मानेसर में उन लोगों के बीच दिल्ली में बैठक हुई थी। 10 करोड़ रूपये बांटे गए थे इसका मेरे पास सबूत भी है। सचिन के साथ मौजूद विधायकों में से किसी को 5 करोड़ मिले, किसी को 10 करोड़ और दरअसल, यह रकम दिल्ली के BJP दफ्तर से उठाई गई, सचिन पायलट कैम्प के लोगों से मिलने के लिए धर्मेंद्र प्रधान पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस की तरफ से बातचीत के लिए भेजे गए नेताओं को मुलाकात नहीं करने दी गई।’ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘जो आदमी गद्दारी कर चुका है, उसे हमारे एमएलए और मैंने खुद भुगता है, 34 दिन तक होटलों में रहे हैं, उनको वे कैसे स्वीकार करेंगे।’
सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाये जाने से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘सचिन पायलट को आलाकमान मुख्यमंत्री कैसे बना सकता है। एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं बन सकता। हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता, एक ऐसा शख्स, जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं, ऐसा शख्स, जिसने विद्रोह किया। उन्होंने पार्टी को धोखा दिया, वह गद्दार हैं। यह संभवतः हिन्दुस्तान में पहली बार हुआ होगा, जब एक पार्टी अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार गिराने की कोशिश की। अगर उन्हें मुख्यमंत्री बनना ही था तो उन्हें खुद एआईसीसी में जाकर नेताओं से माफ़ी मांगनी चाहिए थी, कांग्रेस आलाकमान, पार्टी विधायकों और राजस्थान की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए थी। अगर वो माफ़ी मांग लेते तो शायद मुझे दिल्ली जाकर कांग्रेस आलाकमान से माफ़ी मांगने की जरुरत ही नहीं पड़ती।
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘आप सर्वे करवा लीजिए कि मेरे मुख्यमंत्री रहने से सरकार आ सकती है तो मुझे रखिए। अगर दूसरे चेहरे से सरकार आ सकती है तो उसे बनाइए। मैं अमरिंदर सिंह की तरह बगावत नहीं करूंगा। मैं सरकार लाने के लिए जान लगा दूंगा।’ सचिन पायलट के साथ झगड़े के सवाल पर गहलोत ने कहा जब 2009 में लोकसभा चुनाव में राजस्थान से 20 सांसद कांग्रेस के जीते तो मुझे दिल्ली बुलाया गया। जब वर्किंग कमेटी की बैठक हुई तो राजस्थान से मंत्री बनाने के बारे में मुझसे पूछा गया। सचिन पायलट को जानकारी है, मैंने पायलट को केंद्र में मंत्री बनाने की सिफारिश की थी।’