जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गांधी जी के विचार आज सारे विश्व के लिए प्रासंगिक है। उन्होंने अपने विचारों और जीवनशैली से संसार को सत्य और अहिंसा का संदेश दिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अहिंसावादी विचारधारा ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया। आज सारा विश्व हिंसा व अशांति से जूझ रहा है। ऐसे समय में मात्र गांधीवादी सोच ही विश्व को शांति और अहिसा की ओर अग्रसर कर सकती है।
मुख्यमंत्री रविवार को सवाई मानसिंह स्टेडियम में गांधी जयन्ती के अवसर पर आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा तथा गांधी सद्भावना सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत दक्षिण अफ्रीका से की, जहां उन्होंने सरकार की रंगभेद की नीति को समाप्त करने के लिए सत्याग्रह किया। गांधी जी के द्वारा लिखी गई उनकी आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ सत्य और अहिंसा के दर्शन पर आधारित एक अद्वितीय रचना है। आज की युवा पीढ़ी को इसे जरूर पढ़ना चाहिए।
5 गांधीवादी विचारकों को मिला गांधी सद्भावना सम्मान
गांधी जयन्ती के अवसर पर गहलोत ने गांधी जी की विचारधारा पर चलते हुए समाज की उत्कृष्ट सेवा करने वाले 5 गांधीवादी विचारकों को गांधी सद्भावना सम्मान से सम्मानित किया। इनमें प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक डॉ. एस.एन. सुब्बाराव (मरणोपरान्त), नेमीचंद जैन (मरणोपरान्त), अमरनाथ भाई, गांधी पीस फाउण्डेशन के अध्यक्ष कुमार प्रशांत तथा भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के फाउंडर और चीफ पेट्रन डी.आर. मेहता शामिल थे। इन्हें मुख्यमंत्री द्वारा 5 लाख रूपए की सम्मान राशि, मोमेन्टो, प्रशस्ति पत्र देकर व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले गांधीवादी विचारकों को प्रतिवर्ष गांधी सद्भावना सम्मान दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के इंटीग्रेटेड पोर्टल www.Schemes.rajasthan.gov.in का लोकार्पण भी किया। जिस पर आमजन 61 विभागों की 482 योजनाओं के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
सर्वधर्म प्रार्थना सभा में बना विश्व रिकॉर्ड
कार्यक्रम में प्रदेशभर से लोगों ने एक साथ मिलकर सर्वधर्म प्रार्थना करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस, लंदन के प्रतिनिधि प्रथम भल्ला द्वारा मुख्यमंत्री को प्रोविजनल सर्टीफिकेट दिया गया। विभिन्न विद्यालयों से आये बच्चों ने हाथों में तिरंगा लहराते हुए वैष्णव जन तो तेने कहिये, दे दी हमे आजादी व धर्म वो एक ही सच्चा के गायन को सुना।
शांति एवं अहिंसा विभाग एक अभिनव पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी के विचारों को प्रसारित करने के लिए पहली बार अधिकारिक तौर पर एक अलग विभाग का निर्माण किया गया है। राजस्थान ऐसा करने वाला एकमात्र राज्य है। महात्मा गांधी के सिद्धांतों और आदर्शों पर चलते हुए हिंसामुक्त समाज की स्थापना के लिए शांति एवं अहिंसा विभाग की स्थापना की गई है। ये विभाग गांधी जी के विचारों को घर-घर तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है, ताकि आमजन सभी प्रकार की हिंसा के उन्मूलन के लिए प्रेरित हों।
अहिंसावादी विचारधारा से विश्व में भारत की अलग पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र संघ में 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस घोषित करने का प्रस्ताव रखा। इसका सभी देशों ने अनुमोदन किया। आज इस दिन को पूरी दुनिया अहिंसा दिवस के रूप में मना रही है, यह देश के लिए गौरव का विषय है। पूरे विश्व में देश को गांधीवादी विचारधारा से एक अलग पहचान मिली है। आज विविधताओं से भरे हमारे देश में युवाओं की चेतना में गांधी जी के विचारों का व्यापक समावेश आवश्यक है। गांधी जी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर महान वैज्ञानिक आइन्स्टाइन ने कहा था कि आने वाली पीढ़ियों को विश्वास नहीं होगा कि ऐसा महापुरूष कभी इस संसार में आया था।
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती पर उनको श्रद्धांजली दी। उन्होंने कहा कि देश के विकास में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री एसएमएस स्टेडियम में उपस्थित बच्चों के बीच जाकर उनसे मिले। इससे पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयन्ती पर शासन सचिवालय तथा गांधी सर्किल स्थित बापू की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम मेघवाल, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद, राजस्थान क्रीड़ा परिषद अध्यक्ष कृष्णा पूनिया, राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा, मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, विद्यार्थी व आमजन उपस्थित रहे।