जयपुर

जयपुर ग्रेटर निगम महापौर उपचुनाव की मतगणना के दौरान उच्च न्यायालय का आदेश ने मचाया हड़कंप, चुनाव प्रक्रिया रुकी

सौम्या गुर्जर ने बर्खास्त करने के सरकार के आदेश को हाईकोर्ट में दी थी चुनौती

जयपुर। राजधानी के ग्रेटर निगम महापौर उपचुनाव में उस समय हड़कंप मच गया, जबकि राजस्थान उच्च न्यायालय ने रिजल्ट आने से पूर्व चुनाव को ही कैंसिल कर दिया। दोपहर करीब 12 बजे राजस्थान उच्च न्यायालय का यह फैसला आया। इस दौरान ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में भाजपा और कांग्रेस पार्षद मेयर के चुनाव के लिए वोटिंग कर चुके थे और काउंटिंग शुरू हो गई थी। तभी आए हाइकोर्ट के फैसले ने हड़कंप मचा दिया और चुनाव प्रक्रिया रोकनी पड़ी।

जयपुर नगर निगम ग्रेटर की भाजपा मेयर सौम्या गुर्जर को कांग्रेय की गहलोत सरकार ने 27 सितंबर को बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग नए मेयर के चुनाव की घोषणा की। दूसरी ओर सौम्या गुर्जर सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट चली गईं। गुर्जर की याचिका पर हाईकोर्ट एकलपीठ के जस्टिस महेंद्र गोयल ने सरकार के बर्खास्तगी के ऑर्डर को रद्द कर दिया और सरकार से नया आदेश लाने को कहा। कोर्ट के फैसले पर निर्वाचन आयोग ने तत्काल फैसला करते हुए चुनाव बीच में ही रोक दिया था।

सौम्या गुर्जर की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि उनके खिलाफ हुई न्यायिक जांच में उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी का आदेश रद्द करते हुए सरकार से आधे घंटे में नया आदेश मांगा था। हालांकि, सरकारी वकील ने हाईकोर्ट के सामने कोई नया आदेश पेश नहीं किया। इस पर कोर्ट ने सरकार से कहा कि सौम्या गुर्जर को सुनवाई का पूरा मौका मिले।

हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि 10 अगस्त 2022 की न्यायिक जांच रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार सौम्या गुर्जर को कारण बताओ नोटिस जारी करे। सौम्या को व्यक्तिगत सुनवाई का पर्याप्त मौका दिया जाए। इसको लेकर सरकार एक नया आदेश जारी करे।

हाईकोर्ट ने कहा कि चूंकि 27 सितम्बर 2020 का आदेश अब सर्वाइव नहीं कर रहा है, ऐसे में नगर निगम ग्रेटर जयपुर के चेयरपर्सन के चुनाव नहीं हो सकते है। वहीं, एडिशनल एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में तर्क दिया कि सरकार सौम्या गुर्जर को फिर से नोटिस जारी करेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार के अगले एक्शन तक सौम्या मेयर रह सकती हैं। सरकार अब नोटिस देकर सौम्या का पक्ष सुनने के बाद सस्पेंड कर सकती है लेकिन इस प्रक्रिया में समय लगेगा।

सौम्या गुर्जर की बर्खास्तगी आदेशों पर हाईकोर्ट ने दोपहर 12 बजे के आसपास ही रोक लगा दी थी, लेकिन इसका लिखित आदेश नहीं आया था। उधर ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में वोटिंग चल रही थी, हाईकोर्ट का लिखित आदेश आने से पहले ही रिजल्ट आने की संभावना थी। ऐसे में सौम्या गुर्जर के वकील एमएस सहारण ने दोपहर 1 बजे राज्य निर्वाचन आयुक्त और रिटर्निंग ऑफिसर को ई-मेल करके हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए चुनाव प्रक्रिया रोकने का आग्रह किया। राज्य निर्वाचन आयोग ने ई मेल मिलने के कुछ ही देर बाद वोटों की काउंटिंग सहित पूरी चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी। मतपेटियां सील कर दी गईं।

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