जयपुर। हेरिटेज टूरिज्म के लिए प्रसिद्ध जयपुर तीन साल बाद पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी तो एक बार फिर कोरोना की लहर डराने लगी है। क्रिसमस पर जयपुर के हेरिटेज स्मारकों को देखने के लिए लगभग 53 हजार पर्यटक यहां पहुंचे। इसमें अकेले आमेर महल को देखने के लिए 13132 देशी—विदेशी पर्यटक पहुंचे।
चीन, अमेरिका समेत विश्व के 10 से अधिक देशों में इस समय कोरोना के नए वेरिएंट बीएफ 7 की लहर ने दहशत मचा रखी है। भारत में भी इस वेरिएंट के मरीज मिलने शुरू हो गए है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इसका असर पर्यटन क्षेत्र पर भी पड़ सकता है। पर्यटन क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि तीन साल बाद जयपुर का पर्यटन उद्योग पटरी पर आने लगा था, लेकिन नए वेरिएंट की दहशत इसपर प्रभाव डाल सकती है। आमेर महल प्रशासन की ओर से जारी आंकड़े तो यही कहानी कह रहे हैं।
आमेर महल प्रशासन की ओर से वर्ष 2015 से वर्ष 2022 तक के पर्यटकों के आंकड़े जारी किए गए है। इन आंकड़ों के अनुसार वर्ष दिसंबर 2015 में कुल 221995, दिसंबर 2016 में 215564, दिसंबर2017 में 260582, दिसंबर 2018 में 276961, दिसंबर 2019 में 262531, दिसंबर 2020 में 66364, दिसंबर 2021 में 181129, 25 दिसंबर 2022 तक 159235 देशी विदेशी पर्यटक आमेर महल पहुंचे।
नवंबर 2019 में सबसे पहले चीन में कोरोना ने दस्तक दी थी और उसी के बाद से ही पूरे विश्व में कोरोना ने दहशत मचा दी थी। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए ट्रेवलिंग पर रोक लगी तो इसका सबसे पहले असर पर्यटन क्षेत्र पर पड़ा और विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी आने लगी। वर्ष 2015 से 2018 तक जहां आमेर महल में पर्यटकों की संख्या जहां लगातार बढ़ रही थी, वहीं 2019 से पर्यटकों की संख्या घटने लगी।
वर्ष 2022 में कोरोना पूरे विश्व में फैल गया तो आमेर महल में पर्यटकों की संख्या एकदम घट गई। वर्ष 2020 से ही भारत में विदेशी पर्यटकों के आने पर रोक लग चुकी थी। वर्ष 2021 में कोरोना की दूसरी लहर गर्मी के मौसम में आकर चली गई। राजस्थान में पर्यटन सीजन अक्टूबर से फरवरी तक रहता है। ऐसे में देशी पर्यटकों के बलबूते आमेर महल में पर्यटकों की संख्या बढ़ी। अब 2022 में नवंबर तक कोरोना की कोई दहशत नहीं थी और विदेशी पर्यटक भी भारत पहुंचने लगे थे, ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि पर्यटन सीजन अच्छा गुजरेगा, लेकिन दिसंबर में चीन समेत अन्य देशों में कोरोना की दहशत शुरू हो गई।
अब यदि प्रतिदिन 10 हजार पर्यटक आमेर महल पहुंचे, तो भी वह 2018 का आंकड़ा नहीं छू पाएगा। यदि संक्रमण बढ़ता है तो फिर जनवरी और फरवरी में पाबंदियां बढ़ने के साथ पर्यटकों की संख्या में कमी आ सकती है।