आजकल पुणे पोर्श कार हादसा बहुत सुर्खियों में बना हुआ है। इस दौरान अब पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पोर्श एक्सीडेंट केस में शनिवार को नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है।। दरअसल, सुरेंद्र अग्रवाल ने अपने पोते की जगह अपने फैमिली ड्राइवर को बंधक बनाने का आरोप लगाया था।
पुलिस के अनुसार, 18 मई को आरोपी के दादा और पिता ने नाबालिग को बचाने के लिए ड्राइवर को फंसाने की प्लानिंग की थी। इस दोरान दोनों ने ड्राइवर का फोन ले लिया था और उसे 19 से 20 मई तक अपने बंगले में कैद रखा था। इसके बाद ड्राइवर को उसकी पत्नी ने छुड़ाया था।
सुरेंद्र अग्रवाल ने 23 मई को कहा था कि कार उनका फैमिली ड्राइवर चला रहा था। इसके बाद ड्राइवर से जब पूछताछ हुई थी, तब उसने भी ये बात स्वीकार कर ली थी।
क्राइम ब्रांच कर रही जांच
इस मामले में येरवड़ा थाना पुलिस पहले जांच कर रही थी, जिसमें मामले में लापरवाही बरतने पर येरवड़ा थाने के इंस्पेक्टर राहुल जगदाले और ASI विश्वनाथ टोडकरी सस्पेंड कर दिया गया है।
विस्तार से जानें क्या है ये चर्चित मामला
पुणे में एक लग्जरी कार की टक्कर से दो लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन कुछ ही घंटे बाद आरोपी को कुछ शर्तों पर जमानत मिल गई। इसपर अब उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कई सवाल खड़े किए थे।
अब महाराष्ट्र पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। पुलिस ने मंगलवार को औरंगाबाद जिले से आरोपी नाबालिग लड़के के रियल एस्टेट डेवलपर पिता विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है।
कैसे हुआ था एक्सीडेंट
कल्याणी नगर के एक रेस्तरां में दोस्तों के साथ पार्टी करने के बाद दोनों पीड़ित स्कूटी पर घर लौट रहे थे। जब वे कल्याणी नगर जंक्शन पर पहुंचे, तो एक तेज रफ्तार पोर्शे कार ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसमें कहा गया है कि दोनों को टक्कर मारने के बाद कार सड़क किनारे फुटपाथ की रेलिंग से टकरा गई।
पिता पर क्या है आरोप
हादसे के समय पोर्शे कार 200 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। आरोपी नाबालिग ड्राइवर के पिता विशाल ब्रह्मा रियल्टी नाम से कंपनी चलाते हैं। आरोपी नाबालिग ने हाल ही में 12वीं की परीक्षा दी थी और पार्टी करने के बाद वह लौट रहा था।
इस हादसे के बाद वहां मौजूद लोगों ने आरोपी के साथ जमकर मारपीट भी की है। आरोपी पिता पर आरोप है कि उन्होंने अपने नाबालिग बेटे को पोर्शे क्यों चलाने दी। बिना ड्राइविंग लाइसेंस के उन्होंने अपने बेटो के कार चलाने दी यह लापरवाही है।
जिस पब में नाबालिग लड़के को शराब परोसी गई थी, उस पर भी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पिता और पब पर भी कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
आरोपी को कुछ अजीबों-गरीब शर्तों पर दे दी थी रिहाई
किशोर न्याय बोर्ड की निचली अदालत ने आरोपी नाबालिग को 14 घंटे के भीतर यह कहते हुए कि जमानत दे दी कि अपराध इतना गंभीर नहीं था कि जमानत देने से इनकार किया जा सके।
अदालत ने रिहाई पर कुछ शर्तें भी तय कीं, जिनमें 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और उनके समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखना शामिल है।
कहां और कैसे हुआ था हादसा?
यह हादसा पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रविवार सुबह तड़के हुआ। पुलिस रिपोर्टों के अनुसार, 17 वर्षीय लड़का एक लक्जरी पॉर्श चला रहा था। तेज रफ्तार कार एक मोटरसाइकिल से टकरा गई जिससे अनीस अवधिया और अश्विनी कोष्टा की तुरंत मौत हो गई।
CCTV में कैद हुई दुर्घटना से पता चला कि कार एक संकरी गली में 200 किमी प्रति घंटे की अनुमानित गति से चल रही थी।
दोनों मृतक मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। अब इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम जांच कर रही है।