आरएलपी के तीन विधायक एक दिन के लिए निलंबित, पेपरलीक में सीबीआई जांच की मांग
जयपुर। चुनावों की आहट अब विधानसभा में भी दिखाई दे रही है। जिसकी आशंका थी, वहीं हुआ और सत्र का पहला दिन ही हंगामेदार रहा। भाजपा विधायकों ने इतना हंगामा किया कि राज्यपाल ने अभिभाषण बीच में छोड़ दिया और उठकर चले गए। दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा तो स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने आरएलपी के तीन विधायकों को एक दिन के लिए सदन से निष्कासित कर दिया।
राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने पेपर लीक का मुद्दा उठाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। जैसे ही राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया खड़े हो गए और कहा कि राजस्थान में लगातार परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। आप पर संविधान की रक्षा का दायित्व है, ऐसे कैसे चलेगा। इसके बाद भाजपा विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया।
प्रदर्शन कर रहे विधायकों ने पेपरलीक मामले की सीबीआई जांच की मांग की तख्तियां सदन में लहराई। राज्यपाल ने 21 मिनट तक विपक्ष के हंगामे के बीच अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, लेकिन हंगामे के कारण वे इसे पूरा नहीं पढ़ पाए और इसे बीच में ही छोड़ दिया। राज्यपाल का अभिभाषण को पढ़ा हुआ मान लिया गया। इसके बाद राज्यपाल विधानसभा से रवाना हो गए। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी बजट सत्र के दौरान पेपर लीक का मुद्दा प्रमुख था, इस बार भी पेपर लीक का मुद्दा छा गया है।
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भी पेपरलीक पर हंगामा जारी रहा। भाजपा विधायकों का हंगामा बंद हो गया, लेकिन आरएलपी के तीनों विधायकों ने हंगामा जारी रखा। आरएलपी विधायक पुखराज गर्ग, नारायण बेनीवाल और बावरी ने पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग वाली तख्तियां ले रखी थीं।
स्पीकर ने तीनों विधायकों को बैठने के लिए कहा, लेकिन इसके बाद भी नारेबाजी जारी रही। नाराज स्पीकर ने तीनों विधायकों को पूरे दिन के लिए सदन से निष्कासित कर दिया। तीनों आरएलपी विधायकों को मार्शल बुलाकर सदन से बाहर करने को कहा।
विपक्ष के हंगामे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा नेताओं के पास कहने को कुछ नहीं है, इसलिए राज्यपाल का अभिभाषण नहीं पढ़ने नहीं दिया। इनकी चाल है कि धमालपट्टी करके सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचने से रोकें। सरकार की योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंचने देने का इनका षडयंत्र है।
गहलोत ने कहा कि पेपरलीक की चिंता इनसे ज्यादा हमे है, अगर हम नौकरी नहीं लगाते तो अलग बात थी। हम जितनी नौकरियां दे रहे हैं, उतनी किसी राज्य में नहीं दी जा रही हैं, साढ़े तीन लाख नौकरियां किसे कहते हैं? ध्यान डायवर्ट करने के लिए भाजपा विधायक जानबूझकर नाटक कर रहे हैं।
इसबीच मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। लोढ़ा ने विधायकों के इस्तीफों का मामला स्पीकर के पास पेंडिंग होने के बावजूद कोर्ट में याचिका दायर करने को विशेषाधिकार हनन बताते हुए प्रस्ताव पेश किया है। संयम लोढ़ा ने कल विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव सदन में रखने की मंजूरी मांगी है। अब स्पीकर इस पर फैसला करेंगे। इस मुद्दे पर जो भी फैसला होगा, उस पर हंगामा तय है।