जयपुर

भाजपा के सवाल पर सरकार की साख बचाने की कोशिश, अधिकारी बोले राजस्थान में पेयजल जलाशयों की सफाई व्यवस्था होगी कम्प्यूटरीकृत

जयपुर सहित अन्य स्थानों पर बदलेगी 2583 किमी पुरानी व क्षतिग्रस्त पाईपलाइन

जयपुर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में आने के दौरान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की ओर से प्रतिदिन एक सवाल पूछ कर राजस्थान सरकार और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया जा रहा है। पूनिया ने हाल ही में प्रदेश में प्रदूषित पानी से हुई मौत का सवाल पूछ है। इसके बाद सरकार अपनी साख बचाने की कोशिशों में जुट गई है और अधिकारी अब पेयजल व्यवस्था की समीक्षा कर सुधार की बात करने लगे हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेशवासियों के लिए पेयजल वितरण के सभी 33 हजार 769 जलाशयों की समयवद्ध सफाई सुनिश्चित करने के लिए कम्प्यूटरीकृत मॉनिटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदूषित पानी की समस्या को देखते हुए संबंधित जिलों की 2583 किमी से अधिक की पुरानी व क्षतिग्रस्त पाईपलाइन चिन्हित की गई है जिसमें से 886 किमी पाईप लाइन बदलने की स्वीकृति जारी कर दी गई हैं। वहीं 1100 किमी पाईपलाइन बदलने के प्रस्ताव अतिशीघ्र तैयार किये जा रहे हैं। डॉ अग्रवाल ने बताया कि 596 किमी पाईपलाइन बदलने के प्रस्ताव भी तैयार कर राज्य सरकार को प्रेषित करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

डॉ. अग्रवाल गुरुवार को यहां जल भवन में राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को शुद्ध व गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है। प्रदेश में 24 हजार 409 भूतल जलाशय, 4415 स्वच्छ जलाशय और 4939 उच्च जलाशयों से पेयजल वितरण किया जाता है। इन जलाशयों की नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि तय समय पर साफ-सफाई का कार्य हो सकें।

उन्होंने बताया कि राज्य के पांच जिलों में जयपुर में करीबन 642 किमी, कोटा में 262 किमी, भरतपुर में 206 किमी, अजमेर में 150 किमी व बूंदी में 150 किमी पुरानी व क्षतिग्रस्त पाईपलाइन चिन्हित की गई है। इसके अतिरिक्त भरतपुर में 130 किमी, कोटा में 91 किमी, बूंदी में 86 किमी, धौलपुर में 73 किमी और डूंगरपुर में 50 किमी पाईपलाइन बदली जानी है। इसमें से 886.95 किमी पाईपलाइन बदलने की स्वीकृति जारी कर दी गई है तथा 1100.3.0 किमी पाईपलाइन बदलने के प्रस्ताव तैयार किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि बैठक में शेष 595.91 किमी पाईपलाइन बदलने के प्रस्ताव तत्काल तैयार कर प्रेषित करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

डॉ. अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य की गुणवत्ता के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जाए। उन्होंनेे फील्ड में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों व विभाग के अधिकारियों को फील्ड में दौरे के दौरान पानी की गुणवत्ता के साथ जेजेएम सहित विभिन्न योजनाओं में चल रहे कार्यों की गुणवत्ता और अन्य आवश्यक बिन्दुओं की भी समीक्षा करें और कार्यालयों के साथ ही फील्ड में जाएं।

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