जयपुर डिस्कॉम के 12 जिलों में ही करीब 5 हजार ट्रांसफार्मर जल चुके हैं। इन्हें तय समय पर नहीं बदलने के कारण उपभोक्ताओं का पारा चढ़ता जा रहा है।
विद्युत सप्लाई प्रबंधन में फेल होने के बाद बिजली महकमा अब ट्रांसफार्मर की कमी से जूझ रहा है। जयपुर डिस्कॉम में सिंगल और थ्री फेज के ट्रांसफार्मर की कमी के कारण किसान व अन्य उपभोक्ता परेशान हैं। हालत यह है कि जयपुर डिस्कॉम के 12 जिलों में ही करीब 5 हजार ट्रांसफार्मर जल चुके हैं। इन्हें तय समय पर नहीं बदलने के कारण उपभोक्ताओं का पारा चढ़ता जा रहा है।
बूंदी जिले में मंत्री अशोक चांदना के प्रस्तावित धरने के पीछे भी कृषि व घरेलू उपभोक्ताओं को समय पर पूरी बिजली सप्लाई नहीं होना कारण था। यही हालात दूसरे कई जिलों में बने हुए हैं। अब भी करीब डेढ़ हजार ट्रांसफार्मर की कमी बनी हुई है। मानसून की बेरुखी, तेज गर्मी और तेजी से बिजली की डिमांड के कारण लोड बढ़ने से ट्रांसफार्मर फेल हो रहे हैं। डिस्कॉम की रिपोर्ट के अनुसार 4 सितंबर तक करीब तीन हजार ट्रांसफार्मर जले हैं। झालावाड़, अलवर, भरतपुर, करौली में आंकड़ा ज्यादा है। हालांकि कई जगह नए ट्रांसफार्मर लगाने के लिए दूसरे जिलों से ट्रांसफार्मर की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री दे चुके निर्देश
मुख्यमंत्री लंबित कृषि कनेक्शन जारी करने और खराब ट्रांसफार्मर बदलने को लेकर लगातार निर्देश देते रहे हैं। कृषि कनेक्शन जारी करने के दौरान भी कई जगह नए ट्रांसफार्मर लगाने की जरूरत पड़ती है।
यह हो रही दिक्कत
– किसानों को सिंचाई के लिए समय पर पानी नहीं मिल रहा, क्योंकि वहां बिजली सप्लाई बाधित है। बारिश न होने से पहले से ही फसल खराब हो रही है।
– पहले से बिजली कटौती से परेशान हैं और अब ट्रांसफार्मर ठीक नहीं होने से विद्युत सप्लाई बाधित है।
– कई इलाकों में घरेलू व कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को फॉल्ट और ट्रिपिंग की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
कहां-कितने सिंगल फेल ट्रांसफार्मर जले
अलवर—–502
जयपुर ग्रामीण—-219
बूंदी——-200
झालावाड़—–197
धौलपुर—-182
करौली—-179
भरतपुर—–152
टोंक—–144
बारां—–134
कोटा—-123
सवाईमाधोपुर–113
दौसा—–96
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