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राजस्थान के शांत रेगिस्तान में बवंडर उठाने आए दिग्विजय सिंह, गहलोत ने अगले ही दिन निकाली बवंडर की हवा

धारीवाल का नाम लेकर विरोधियों को किया सचेत कि उनके हरकतों पर है नजर, कहा कि मैं अभी 15-20 साल कहीं नहीं हिलने वाला

जयपुर। राजस्थान में सरकार बनने के बाद कांग्रेस में कई बार राजनीतिक बवंडर उठे और शांत हो गए। वर्तमान में भी यहां की राजनीति में फिर से बवंडर उठाने की कोशिशें जारी है। कहा जा रहा है कि शुक्रवार को मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजस्थान में बवंडर उठा कर गए हैं, लेकिन शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बवंडर की हवा यह कहकर निकाल दी कि अभी 20 सालों तक उनको कोई हिला नहीं पाएगा। धारीवाल को चौथी बार यूडीएच मंत्री बनाने की बात कहकर उन्होंने सरकार के खिलाफ साजिश रचने वालों को भी साफ संदेश दे दिया कि उनकी सभी हरकतों पर नजर है।

गहलोत शनिवार को गोदी मीडिया पर जमकर बरसे। मुख्यमंत्री आवास पर एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि मीडिया में बैठे लोग खबरें चला रहे हैं कि पंजाब के बाद अब राजस्थान में बदलाव होगा। जैसे उन्हें रात में सपना आया हो या किसी ने उन्हें पुख्ता जानकारी दी हो कि राजस्थान में सब कुछ बदलने वाला है। उन्होंने राष्ट्रीय मीडिया को मोदी की टीम करार देते हुए कहा कि उन्हें मोदी जी को जवाब देना पड़ता है, इसलिए ऐसी खबरें चलाते हैं, लेकिन यहां कुछ बदलाव नहीं होगा। सरकार पूरे 5 साल चलेगी और फिर से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। प्रदेश में किसी भी तरह की कोई एंटी इनकंबेंसी नहीं है और जनता ने मूड बना लिया कि एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी को ही सत्ता में लाना है।

गहलोत ने कहा कि मैं अभी 15-20 साल कहीं नहीं हिलने वाला हूं। मुझे कुछ नहीं होने वाला, जिसको दु:ख हो रहा है, उसे होने दो, इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता। अगली सरकार भी कांग्रेस की बनेगी और शांति धरिवाल को चौथी बार यूडीएच मंत्री बनाऊंगा। कुछ लोग तो जिस दिन से सरकार बनी है उसी दिन से मुझे हटाने की खबरें चला रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि एक दिन पूर्व ही जयपुर आए दिग्विजय सिंह ने यहां राजस्थान कांग्रेस के दिग्गजों से सियासी चर्चा की। कांग्रेस में कयास लगाए जा रहे हैं कि दिग्गी राजा यहां मंत्रिमंडल विस्तार से पूर्व आलाकमान का कोई संदेश लेकर आए, या फिर यहां से फीडबैक लेकर आलाकमान तक पहुंचाएंगे, लेकिन गहलोत के आज के बयानों से कांग्रेस में कयास लग रहे है कि दिग्विजय सिंह यहां गुटबाजी को हवा देने के लिए आए थे। वैसे मध्यप्रदेश में दिग्विजय को मिस्टर बंटाधार कहा जाता है, ऐसे में पूरी कांग्रेस की नजरें अब गुटबाजों पर टिक गई है।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि न तो वह कोई संदेश लेकर आए और न ही फीडबैक आगे पहुंचाएंगे। वह तो सिर्फ प्रेस कान्फे्रंस करने आए थे। रही बात सियासी संदेश या फीडबैक की, तो न तो दिग्विजय सिंह वर्तमान में कांग्रेस में उस पोजिशन पर है, कि उनके द्वारा आलाकमान कोई संदेश भेजे और न ही आलाकमान को अब राजस्थान के बारे में किसी फीडबैक की जरूरत है, क्योंकि राजस्थान की पूरी स्थिति आलाकमान के सामने एकदम स्पष्ट है।

कांग्रेसी कह रहे हैं कि जिस समय सचिन पायलट प्रदेशाध्यक्ष थे, उस समय दिग्विजय उदयपुर आए थे और कह गए थे कि युवाओं के लिए सीट खाली कर देनी चाहिए। कुछ समय बाद गहलोत उदयपुर पहुंचे तो वहां गहलोत से दिग्विजय के बयान पर सवाल पूछा गया। इस पर गहलोत ने पलटवार किया था कि मैं तो यहां एक्टिव हूं, यदि दिग्विजय मध्यप्रदेश में एक्टिव होते तो वहां रसातल में नहीं जाती कांग्रेस। दिग्विजय वहां कांग्रेस सरकार को नहीं बचा पाए थे।

अब दिग्गी राजा द्वारा राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख नेताओं से वार्तालाप के बारे में चर्चा है कि वह एक गुट को सपोर्ट करने की कोशिश में थे। यदि वह उसी गुट के लोगों से बात करते तो यह बातें दूर तक जाती और विवाद खड़ा करती, इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष से भी चर्चा की।

कांग्रेस सूत्र कह रहे हैं कि दिग्विजय सिंह का अभी प्रमुख फोकस राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष का मंत्रियों से विवाद, वल्लभनगर उपचुनाव, मंत्रीमंडल में विस्तार मे नपने वाले मंत्रियों और सीपी जोशी-सचिन पायलट की मुलाकात पर था।

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