सब-स्टेशन के बनने से सालाना एक करोड़ रुपए की बिजली की होगी बचत
जयपुर। ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने शनिवार को जयपुर के जनाना अस्पताल परिसर में निर्मित विद्युत वितरण निगमों के प्रथम कम्प्यूटराइज्ड गैस इन्सूलेटेड आधारित 33/11 केवी सब-स्टेशन का लोकार्पण किया। इस सब-स्टेशन के बनने से सालाना एक करोड़ रुपए की बिजली की बचत होगी।
इस अवसर पर कल्ला ने कहा कि 33/11 केवी का यह सब-स्टेशन इस तकनीक से बनने वाली पहला सब-स्टेशन है और जयपुर शहर में इस तरह के 4 सब-स्टेशन बनेंगे। इस सब-स्टेशन के बनने से बिजली छीजत में कमी से प्रतिवर्ष 1 करोड़ रुपए की बिजली की बचत होगी। आने वाले समय में प्रयास रहेगा कि प्रदेश के विद्युत वितरण तंत्र का डिजिटाईजेशन करके एक मजबूत वितरण तंत्र बना सके। इससे बिजली की बचत होने के साथ छीजत में भी कमी आएगी।
कल्ला ने इस नई तकनीक पर कहा कि एक सब-स्टेशन से बिजली की इतनी बचत होगी तो पूरे प्रदेश में हजारों सब-स्टेशन से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिजली की कितनी बचत हम आने वाले समय में कर पाएंगे। इसलिए जरूरी है कि हम अपने वितरण तंत्र व प्रसारण तंत्र को अधुनातन बनाएं, उनका डिजिटाईजेशन, मॉर्डनाइजेशन और कम्प्यूटराइजेशन करें।
राजस्थान डिस्कॉम्स के चेयरमैन भास्कर ए. सावंत ने बताया कि प्रदेश में डिस्कॉम्स का पहला गैस इन्सूलेटेड आधारित 33/11 केवी सब-स्टेशन आजादी के अमृत महोत्सव पर केन्द्र सरकार की आईपीडीएस योजना के तहत पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन द्वारा पोषित है। इस सब-स्टेशन के निर्माण की अनुमानित लागत 8 करोड़ रुपए आई है और इससे चांदपोल के आसपास के क्षेत्र के करीब 5 हजार उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी।
प्रबंध निदेशक नवीन अरोड़ा ने इस नई तकनीक के आधार पर निर्मित सब-स्टेशन की जानकारी देते हुए बताया कि यह सब-स्टेशन रिमोट संचालित है तथा इसका सिस्टम स्कॉडा सक्षम है और इसे दूर से केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष से भी संचालित किया जा सकता है। नई तकनीक से गैस इन्सूलेटेड आधारित 33/11 केवी के 3 अन्य सब-स्टेशनों का जयपुर शहर मेंं रामगंज, महेश नगर के पास भगवती नगर एवं मीना का नाड़ा में कार्य प्रगति पर है।