जयपुर। राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में प्रैक्टिकल परीक्षा लेने जाने वाले शिक्षकों का स्वागत और मेहमान नवाजी करवाना गलत परम्परा है। इस पर राजस्थान में सख्ती से रोक लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि रीट एवं बोर्ड परीक्षाओं में गोपनीयता, पारदर्शिता एवं सुरक्षा बेहद जरूरी है। इसके लिए हरसंभव कदम उठाये जाएंगे। राजस्थान बोर्ड की पूरे देश में साख है। यह साख बरकरार रहनी चाहिए। परीक्षाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने गुरुवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के मीटिंग हॉल में रीट, बोर्ड परीक्षाओं एवं बोर्ड के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की पूरे देश में बहुत अच्छी साख है। यह साख बरकरार रहनी चाहिए। इस साख को बनाए रखना आपकी और हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं ने प्रदेश को बहुत बदनाम किया है। इस तरह की स्थितियां दोबारा नहीं आनी चाहिए। सभी परीक्षाएं पूरी तरह से सुरक्षित और निष्पक्ष तथा लीकप्रूफ बनाई जाएं।
दिलावर ने कहा कि गत दिनों बिना कॉपी जांचे अंक देने का प्रकरण प्रकाश में आया था। ये बहुत गंभीर मामला है, इस तरह के मामले की दोबारा पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। इस व्यवस्था को फुलप्रूफ बनाया जाए ताकि कोई शिक्षक आगे से इस तरह की लापरवाही नहीं कर सके। शिक्षा मंत्री ने बोर्ड द्वारा आयोजित होने वाली रीट परीक्षा की आयोजन प्रणाली की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने इसके हर स्तर की जानकारी ली। बोर्ड प्रशासक महेश चन्द्र शर्मा और सचिव कैलाश चन्द्र शर्मा ने उन्हें बताया कि 12 दिसम्बर को रीट की विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। परीक्षा के लिए 16 दिसम्बर से 15 जनवरी तक आवेदन होंगे। अब तक 25 हजार से ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं। इस बार परीक्षा में गडबड़ी को रोकने के लिए उत्तर का पांचवा विकल्प भी शामिल किया गया है। परीक्षा से संबंधित सभी स्तर की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
रीट को लेकर मंत्री ने कहा कि जिन परीक्षा केंद्रों पर आवश्यकता है, वहां सीसीटीवी कैमरे बढ़ाए जाए। विशेष उडनदस्ते की संख्या को भी बढ़़ाए और उनको और अधिक प्रभावी बनाया जाए। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। विभिन्न जिलों में वीडियोग्राफी भी होगी। सुरक्षा को लेकर सभी संभव उपाय किए जाएंगे। परीक्षा 27 फरवरी को प्रस्तावित है। बोर्ड का प्रयास है कि इसे एक ही दिन में सभी जगह एक साथ सम्पन्न कराया जाए।
शिक्षा मंत्री ने बोर्ड परीक्षाओं में स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षा लेने आने वाले शिक्षकों की आवभगत और मेहमान नवाजी पर नाराजगी प्रकट करते हुए इस पर रोक लगाने को कहा। बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। इस प्रवृति पर निगरानी रखी जाएगी और कहीं से शिकायत मिलती है तो उस पर कार्रवाई भी होगी।
दिलावर ने विद्यार्थियों के लिए प्रक्रियाओं को और अधिक सुविधाजनक बनाने की सलाह दी ताकि अनावश्यक परेशानी न हो। दस्तावेजों में नाम संशोधन जैसे प्रकरणों के लिए अधिक सरल और सुविधाजनक प्रक्रिया अपनाने के निर्देष दिए। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि अब गजट नोटिफिकेशन के आधार पर भी नाम संशोधन किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने बोर्ड के कार्यालयों में सिंगल यूज पॉलीथिन के प्रयोग से बचने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रश्न-पत्र निर्माण, परीक्षा, परीक्षा केन्द्र निर्धारण एवं अन्य विषयों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। अधिकारियों ने कहा कि इन सुझावों पर अमल कर कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाया जाएगा। दिलावर ने कहा कि नकल एवं अन्य तरह के दुरूपयोग से बचने के लिए बोर्ड आईटी एक्सपर्ट की सहायता लें तथा अपनी कार्यप्रणाली को और अधिक सक्षम बनाएं।
इससे पूर्व बोर्ड के अधिकारियों ने उन्हें शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली एवं विभिन्न विभागों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बोर्ड द्वारा सम्पादित किए जा रहे कार्यों, परीक्षाओं, पाठ्यक्रम, छात्रवृत्ति, पुरस्कार, प्रतियोगिताओं एवं अन्य कामकाज के बारे में बताया।
बैठक में वित्त नियंत्रक रश्मि बिस्सा, मुख्य परीक्षा नियंत्रक राजेश निर्वाण, निदेशक प्रशासन राजेन्द्र पारीक, निदेशक गोपनीय जय प्रकाश चिमनानी, निदेशक शैक्षिक राकेश स्वामी, संयुक्त विधि परामर्शी अनिल गुप्ता, एसीपी नेहा स्वामी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।