चीफ इंजीनियर्स (सीई) एवं एडिशनल चीफ इंजीनियर्स (एसीई) हर माह करेंगे फील्ड विजिट
एक दर्जन से अधिक सीई एवं एसीई जिला प्रभारी नियुक्त
जयपुर। राजस्थान में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) गर्मियों के सीजन में माकूल पेयजल प्रबंधन व्यवस्था की उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग करेगा। जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बताया कि गर्मी के दिनों में प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जनता को निर्बाध रूप से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की मॉनिटरिंग तथा जिलों में चल रही पेयजल परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए पीएचईडी के एक दर्जन से अधिक चीफ इंजीनियर्स एवं एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को अलग-अलग जिलों का प्रभार सौंपा गया है।
अप्रैल के प्रथम सप्ताह से होंगे दौरे
डॉ. जोशी ने बताया कि सभी अधिकारी अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह से अपने-अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा करेंगे तथा वहां ग्रीष्मकाल में पेयजल प्रबंधन के कार्यों की मॉनिटरिंग के अतिरिक्त जल जीवन मिशन में ‘हर घर जल’ कनेक्शन की प्रगति के साथ-साथ मेजर प्रोजेक्ट्स एवं अन्य परियोजनाओं के कार्यों की निगरानी एवं विस्तृत समीक्षा करेंगे। सीई एवं एसीई अपने दौरों में हैंड पंप रिपेयरिंग अभियान की प्रगति का जायजा लेने के लिए स्वयं चुनिंदा साइट्स पर स्वयं जाएंगे। इसके साथ ही जल परिवहन व्यवस्था की समीक्षा करते हुए ऐसे कुछ स्थानों का व्यक्तिशः निरीक्षण भी करेंगें। अधिकारियों को ट्यूबवेल एवं हैंडपंप को समय पर कमीशन करने की व्यवस्था के साथ ही लंबित विद्युत कनेक्शन का जायजा लेने के भी निर्देश दिए गए हैं। वे जिलों में आरओ प्लांट्स, सोलर डीएफयू (डी-फ्लोरिडेशन यूनिट्स) और सोलर बोरवेल वाले चुनिंदा स्थानों को देखकर इस बारे में अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगें।
इन बिंदुओं पर भी रहेगा फोकस
सभी अधिकारी अपने जिलों के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वीकृत कार्यों की प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ आगामी वित्तीय वर्ष 2022-2023 में स्वीकृत किए जाने वाले कार्य एवं योजनाओं के बारे में अग्रिम आंकलन कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। उनको अपने दौरों में जिलों में बजट घोषणाओं सहित राज्य सरकार द्वारा जारी महत्वपूर्ण निर्देशों के क्रियान्वयन की प्रगति, सम्भागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर्स के साथ भी पेयजल व्यवस्था से सम्बंधित विषयों पर विमर्श तथा अंतर विभागीय मुद्दों एवं कांट्रेक्टर्स से जुड़े प्रकरणों की जानकारी को भी रिपोर्ट में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं।
रीजनल एसीई हर सप्ताह करेंगे रात्रि विश्राम
डॉ.जोशी ने जलदाय विभाग के सभी रीजनल कार्यालयों के एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को भी अपने अधीन आने वाले जिलों में से प्रति सप्ताह कम से कम एक जिले का दौरा करने और वहां पर रात्रि विश्राम करने के भी निर्देश दिए हैं। उनको संबंधित जिलों के कम से कम ऐसे दो गांव जहां पेयजल की समस्या हो, का दौरा कर वहां पेयजल सप्लाई से संबंधित व्यवस्था का फीडबैक लेना होगा।
इन्हें बनाया जिलों का प्रभारी
मुख्य अभियंता (शहरी) सीएम चौहान को कोटा, झालावाड़, बारां एवं बूंदी का प्रभारी बनाया गया है। इसी प्रकार मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना को उदयपुर, राजसमंद एवं सीकर जिले की जिम्मेदारी दी गई है। मुख्य अभियंता (जेजेएम) दिनेश कुमार गोयल को अजमेर, नागौर एवं दौसा, मुख्य अभियंता (प्रशासन) राकेश लुहाड़िया को भरतपुर एवं धौलपुर, मुख्य अभियंता (तकनीकी) संदीप शर्मा को टोंक, जयपुर एवं झुंझुनूं, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट) दलीप कुमार गौड़ को बीकानेर, हनुमानगढ़ श्रीगंगानगर एवं चुरू, चीफ इंजीनियर (जोधपुर प्रोजेक्ट) नीरज माथुर को जोधपुर एवं पाली, मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियंत्रण) केडी गुप्ता को अलवर, चितौड़गढ़ एवं बांसवाड़ा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट) बी. एस. मीना को जालौर एवं सिरोही, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (शहरी) अमिताभ शर्मा को सवाईमाधोपुर एवं करौली, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (ग्रामीण) देवराज सोलंकी को बाड़मेर व जैसलमेर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (डी एंड एचपी) को भीलवाड़ा तथा डब्ल्यूएसएसओ के निदेशक हुकमचंद वर्मा को प्रतापगढ़ एवं डूंगरपुर जिलों का प्रभारी नियुक्त किया गया है।