जयपुर

राजस्थान में शुक्रवार से राजकीय चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध ओपीडी और आईपीडी सुविधाएं होगी निःशुल्क

प्रदेशवासियों के लिए होगी निःशुल्क, राज्य के बाहर से आने वाले मरीजों से लिया जाएगा नियमानुसार शुल्क

जयपुर। प्रदेश में 1 अप्रेल से सभी श्रेणी के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में निःशुल्क ओपीडी एवं आईपीडी की सुविधा प्रारंभ हो जाएंगी। शुरुआत में एक माह की अवधि में व्यवस्था का ड्राय रन किया जाएगा, जिसमें क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं को चिन्हित कर समाधान किया जाएगा। योजना का औपचारिक प्रारंभ 1 मई, 2022 से किया जाना प्रस्तावित है।

चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य के सभी श्रेणी के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध ओपीडी एवं आईपीडी सुविधाएं समस्त प्रदेशवासियों को पूर्णतः निःशुल्क करने की घोषणा से प्रदेश वासियों को बिना पैसा खर्च किए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

मीणा ने बताया कि 1 अप्रेल से राजकीय चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी एवं आईपीडी में रजिस्ट्रेशन के लिए भी कोई शुल्क नहीं देना होगा। ओपीडी में आने वाले तथा आईपीडी में भर्ती मरीजों को समस्त दवाइयां एवं राजकीय चिकित्सा संस्थानों में जांचें निःशुल्क की जाएंगी।

राजकीय चिकित्सालयों में कार्यरत चिकित्सक यह सुनिश्चित करेंगे कि चिकित्सालय के दवा वितरण केन्द्र में उपलब्ध दवा मरीजों को लिखी जाए। विशेष परिस्थिति में आवश्यक होने पर अन्य दवा नियमानुसार क्रय कर रोगी को उपलब्ध कराई जाएगी।

मीणा ने बताया कि विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों में पीपीपी मोड पर संचालित सुविधाएं जैसे सीटी स्केन, एमआरआई एवं डायलिसिस आदि भी रोगियों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। संबंधित पीपीपी पार्टनर को इसके लिए उनके द्वारा रोगी से लिया जाने वाला शुल्क संबंधित चिकित्सा संस्थान द्वारा भुगतान किया जाएगा और इसके लिए आवश्यक बजट उपलब्ध कराया जाएगा।

मीणा ने बताया कि ये सुविधा राज्य के समस्त प्रदेशवासियों के लिये निःशुल्क उपलब्ध होगी, परंतु राज्य के बाहर से आने वाले मरीजों से नियमानुसार शुल्क लिया जाएगा। मरीज के प्रदेशवासी होने प्रमाण के रूप में मरीज का जन आधार कार्ड अथवा अन्य दस्तावेज लिए जाएंगे। मरीज के उपचार से संबंध नही रखने वाली अन्य सुविधायें जैसे पार्किंग, केन्टीन, कॉटेज वार्ड आदि का शुल्क राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी की नियमावली के अनुसार यथावत रहेगा।  उल्लेखनीय है कि इस आदेशों के तहत ओपीडी के रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाले 10 रुपए से लेकर 8 हजार रुपए तक शुल्क वाले एमआरआई, सीटी स्कैन, डायलासिस जैसी महंगी जांचों के लिए मरीजों को एक भी रुपए नहीं देना पड़ेगा।

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