2 हजार 400 किलोमीटर नई सड़कों का हुआ निर्माण
जयपुर। सड़कें विकास की मुख्य कड़ी हैं। इसी सोच को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर प्रदेश के सड़क तंत्र को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। शहरों से लेकर गांव-ढाणी तक सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश का एक भी गांव-ढाणी सड़कों से जुड़ने से वंचित नहीं रहे। राज्य सरकार ने वर्तमान कार्यकाल में अब तक प्रदेश के 543 ऐसे गांवों को सड़कों से जोड़ दिया है, जहां आज तक सड़क नहीं पहुंच सकी थी।
880 करोड़ की लागत से गांवों में बिछा सड़कों का जाल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2019-2020 के बजट में 1009 गांवों को चरणबद्ध रूप से सड़कों से जोड़ने की घोषणा थी। प्रथम चरण में 330 गांवों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया। शेष सड़कें चरणबद्ध रूप से बनाई जानी थीं। इस बीच कोरोना की चुनौती आने के बावजूद राज्य सरकार ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस काम को अंजाम दिया। इसी का परिणाम है कि अगस्त 2022 तक 880 करोड़ की लागत से 543 गांवों को सड़कों से जोड़ दिया गया है।
अंतिम चरण में 367 गांवों को सड़कों से जोड़ा जाएगा
राजस्थान सरकार द्वारा 543 गांवों को सड़कों से जोड़े जाने का काम पूर्ण रूप से किया जा चुका है साथ ही 14 गांव में कार्य प्रगति पर है। अंतिम चरण में शेष 367 गांवों में सड़कों का निर्माण 2023 तक पूरा होना प्रस्तावित है। जिसके तहत 367 गांवों में सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत कर प्रदेश सरकार द्वारा पूरी प्रतिबद्धता के साथ सड़क निर्माण कार्य किये जा रहे है। इस प्रकार सभी गांवों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य राजस्थान सरकार द्वारा प्रतिबद्धता के साथ पूर्ण किया जा रहा है।
बदल गई गांव की तस्वीर
जयपुर जिले के डाबड़ी गांव के निवासी सुरज्ञान बताते हैं कि उनके पिताजी दूध बेचने का काम करते हैं, इसके लिए उन्हें शहर जाना पड़ता है, लेकिन सड़क ना होने के कारण उन्हें शहर जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। बारिश के दिनों में यह समस्या बहुत विकट हो जाती थी। कई बार शहर जाना संभव नहीं हो पाता था। इसी प्रकार अन्य ग्रामवासियों को भी आवागमन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते थे। बारिश में दूसरे गांवों एवं शहर से सम्पर्क कट जाता था। मुख्यमंत्री की पहल पर उनके गांव में सड़क का निर्माण हो सका है। गांव में सड़क निर्माण होने से ग्राम वासियों की आवागमन की तकलीफ दूर हुई है। अब गांव के लोगों को एक गांव से दूसरे गांव जाने में आसानी रहती है। साथ ही समय की बचत भी होती है। जलभराव और कीचड़ की समस्या से भी निजात मिली है। ग्राम वासियों को रोजमर्रा के कार्यों में आसानी हुई है।