जयपुर

रीट को लेकर भाजपा के विरोध के बीच क्या कांग्रेस में भी चल रहा ‘शह-मात’ का खेल

जयपुर। रीट पेपर लीक प्रकरण में भाजपा तो अपनी पारी अच्छे से खेल रही है, लेकिन इस प्रकरण को लेकर कांग्रेस के भीतर भी ‘शह-मात’ का जबरदस्त खेल चल रहा है। कहा जा रहा है कि रीट को लेकर कांग्रेस के भीतर गहरा अंतरविरोध चल रह है। ऐसे में इस मामले को लेकर आने वाले समय में काफी कुछ देखने-सुनने को मिल सकता है।

रीट को लेकर कांग्रेस के अंदर ही कई सवाल उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कार्यकर्ताओं में सबसे बड़ा सवाल यह है कि रीट के तार आखिर कहां-कहां तक है। भाजपा जिस तरह से आरोप लगा रही है, उस हिसाब से कौन-कौन इसमें शामिल है? डीपी जारोली के तार कहां-कहां तक हैं?

कांग्रेस सूत्र प्रदेश में कांग्रेस-आरएलडी के गठबंधन पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है कि जो आरएलडी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ लड़ रही है, उस आरएलडी के साथ कांग्रेस के किन नेताओं के तार जुड़े हैं और क्यों कांग्रेस ने राजस्थान में गत विधानसभा चुनाव में आरएलडी के लिए दो सीटें छोड़ी थी। इसी आरएलडी की एक सीट से जीत कर सुभाष गर्ग विधायक बने और अब सरकार में हैं। वर्ष 2004 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सामने आए सीडी कांड के कारण कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ था और कुछ कांग्रेसी नेताओं को रिश्वत मांगते हुए दिखाया गया था। जिसके पास से तत्कालीन सरकार ने यह सीडी बरामद की थी, उसी आदमी के लिए कांग्रेस ने अपनी मालपुरा की सीट क्यों छोड़ दी?

कांग्रेस में चर्चा यह भी है कि पार्टी के भीतर अभी भी ‘शह-मात’का गहरा खेल चल रहा है और इस खेल को भाजपा ने भांप लिया है, तभी तो एसओजी की रिपोर्ट आने के बाद से भाजपा ने इस मामले में विरोध तेज कर दिया है और सीबीआई जांच की मांग कर रही है। कांग्रेस सूत्र कह रहे हैं कि यदि इस प्रकरण में कांग्रेस के बड़े नेता फंस रहे थे, तो सरकार ने एसओजी की रिपोर्ट को दबाया क्यों नहीं? तो क्या सरकार ने चलाकर रिपोर्ट उजागर हो जाने दी, ताकि इस प्रकरण में फंसे सभी बड़े मगरमच्छों के नाम उजागर हो सकें?

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि बड़े लोगों के फंसे होने के कारण सरकार कितना भी दबाव आ जाए, सीबीआई जांच की मांग नहीं मानेगी, लेकिन यदि न्यायालय से सीबीआई जांच के आदेश हो जाते हैं, तो फिर इस प्रकरण में फंसे ऐसे कई लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं, जो अभी इस प्रकरण में शामिल होने के बावजूद बचे हुए हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि अब सबकी नजरें न्यायालय पर टिकी हुई है। यदि न्यायालय इस प्रकरण में सीबीआई जांच के आदेश दे देता है, तो बड़े-बड़े खुलासे होने की संभावना है।

Related posts

कोरोना के कारण बदली-बदली नजर आएंगी विधानसभा की व्यवस्थाएं

admin

सटीक आंकड़ों से ही अच्छी योजनाओं और नीतियों का निर्माण संभव: मेघवाल

admin

एयर इंडिया की बुडापेस्ट-दिल्ली फ्लाइट से राजस्थान के 41 विद्यार्थी पहुंचे दिल्ली एयरपोर्ट, महिला एवं बाल विकास मंत्री ने किया स्वागत

admin