रूफटॉप सोलर में प्रदेश में 748 मेगावाट क्षमता विकसित
जयपुर। रूफटॉप सोलर में राजस्थान अब दूसरे पायदान पर आ गया है। ऊर्जा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करने में पहले स्थान पर आने के बाद अब रूफटॉप में भी लक्ष्यों के विरुद्ध क्रियान्वयन में समूचे देश में दूसरे स्थान पर आने को बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान योजनावद्ध तरीके से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इस उपलब्धि पर अधिकारियों, कार्मिकों और प्रदेशवासियाें को बधाई दी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा एवं चेयरमैन राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा फरवरी, 22 की जारी रिपोर्ट के अनुसार रूफटॉप सोलर योजना के लक्ष्यों के विरुद्ध क्रियान्वयन में गुजरात के बाद राजस्थान दूसरे नंबर पर आ गया है। गौरतलब है कि 10 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित कर राजस्थान सौर ऊर्जा में पहले से ही पहले पायदान पर है।
अग्रवाल बुधवार को अक्षय ऊर्जा निगम में अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्हाेंने बताया कि रूफटॉप सोलर में प्रदेश में 748 मेगावाट क्षमता विकसित की जा चुकी है। राज्य में अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा योजनावद्ध तरीके से रूफटॉप सोलर योजना का क्रियान्वयन किया गया है और अब प्रदेशवासियों ने इस योजना के प्रति रुचि दिखाने लगे हैं।
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम में प्रजेटेंशन के माध्यम से बताया गया कि केन्द्र सरकार द्वारा रूफटॉप सोलर योजना को और अधिक सरल बनाने जा रही है। इसके लिए अब स्टेट पोर्टल के स्थान पर नेशनल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकेगा। इसी तरह से रूफटॉप सिस्टम लगाने के लिए अब एमएनआरई के एंपेनल्ड वेण्डर के साथ ही स्वयं अपने स्तर पर भी सिस्टम लगाने की सुविधा होगी।
रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने पर आने वाले व्यय को आरंभ में लाभार्थी को स्वयं वहन करना होगा और फिर अनुदान राशि सीधे लाभार्थी को जारी की जाएगी। इसके साथ ही नई व्यवस्था के तहत लाभार्थी सरकार के एंपेनल्ड वेंडर या स्वयं अपनी पसंद का सिस्टम लगाने को स्वतंत्र होंगे। लाभार्थी पर किसी तरह की मैक विशेष का सिस्टम या वेंडर विशेष से ही सिस्टम लगाने की बाध्यता नहीं होगी। बंजर भूमि पर सोलर सिस्टम लगाने की कुसुम योजना के क्रियान्वयन में भी राजस्थान अग्रणी प्रदेश बना हुआ है।