जयपुर

वर्ष की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को

प्री-लिटिगेशन के 231884 एवं 337289 न्यायालय में लम्बित प्रकरण सुनवाई में रखे जाएंगे

जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक एम एम श्रीवास्तव के सानिध्य में इस वर्ष की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर एवं जयपुर सहित प्रदेश के सभी न्यायालयों में होगा। जयपुर में सुबह 10 बजे राजस्थान उच्च न्यायालय (न्यू बिल्डिंग) के परिसर में उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

प्राधिकरण के सदस्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय में लंबित धारा 138 एनआईएक्ट धन वसूली, राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण, एमएसीटी बिजली, पानी एवं अन्य बिलो के भुगतान से संबंधित प्रकरण वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर), भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण मजदूरी भत्ते एव पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले दीवानी प्रथम एवं दीवानी द्वितीय अपील, दीवानी अवमानना याचिकाएं दीवानी रिविजन प्रकरण, दीवानी रिट याचिकाए, आपराधिक विविध याचिकाए भरण-पोषण से संबधित प्रकरण राजीनामा योग्य अन्य प्रकरण, फैमिली पेंशन से संबंधित अन्य मामले, स्थानान्तरण से संबंधित रिट याचिकाए सेवानिवृति लाभो से संबंधित मामले, RSRTC प्रकरण धारा 9. 11. 12 एवं 24 हिन्दु विवाह अधिनियम से संबंधित प्रकरण, धारा 125 CRPC से संबंधित प्रकरण, घरेलू हिंसा से संबंधित प्रकरण निलंबन (सेवा संबंधित) मागले सरकारी कर्मचारियों को चिकित्सा पुर्नभरण संबंधित प्रकरण एवं किराया नियंत्रण से संबंधित मामले लोक अदालत में रखे जाएंगे।

जन सामान्य द्वारा अपने प्रकरणों का राजीनामें के माध्यम से निपटाने हेतु मामले उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में रखवाये जाएंगे। इन प्रकरणों की सुनवाई के लिए अधीनस्थ न्यायालयों की 1047 बैचों का गठन किया गया, जिनके द्वारा प्रकरणों की ऑनलाइन व ऑफ लाइन माध्यमों से सुनवायी की जाएगी। इन बैचों में 231884 प्री-लिटिगेशन तथा 337289 न्यायालय में लम्बित प्रकरण कुल 569173 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे जाएंगे।

राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में कार्यरत न्यायाधिपतिगणों की पांच बैचों का गठन कर 1936 न्यायालय में लम्बित प्रकरण तथा राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ जयपुर में 6 सेवानिवृत न्यायाधिपतिगण एवं 1 पदासीन न्यायाधिपति कुल 7 बैचों का गठन कर 24 प्री-लिटिगेशन तथा 3791 न्यायालय में लम्बित प्रकरण कुल 3815 प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे गए हैं।

राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति आमजन एवं पक्षकारों के मध्य काफी उत्साह है। पक्षकार स्वयं आगे बढ़कर अपने मामलों को लोक अदालत में लगाने के लिए आ रहे हैं। साथ ही अधिवक्तागण भी अपने स्तर पर पक्षकारों को अपने मामले राजीनामे के माध्यम से सुलझाने वाले इस सुलभ माध्यम को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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