एसीबी की प्रदेशभर में तीन कार्रवाई, लेकिन भ्रष्ट प्रशासन पर असर नहीं
जोधपुर में पटवारी को 25 लाख के नकली नोट लेते रंगे हाथों पकड़ा
जयपुर। शासन की अगर प्रशासन पर पकड़ ढ़ीली पड़ जाए तो समझ लेना चाहिए कि प्रशासन बेलगाम और भ्रष्ट हो जाता है। राजस्थान में पिछले चार सालों से यही कुछ देखने को मिल रहा है, जहां सरकार अपने को बचाए रखने की जद्दोजहद कर रही है, तो प्रशासन पूरी तरह से भ्रष्ट और बेलगाम हो चुका है और उनकी हर दिन होली—दिवाली मन रही है। पूरा सरकारी सिस्टम आम जनता को लूटने में लगा है। हालांकि एसीबी की ओर से भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इस कार्रवाई का भ्रष्ट सिस्टम पर कोई असर नहीं हो रहा है। इसकी बानगी जोधपुर में एसीबी का ट्रेप है, जहां एक पटवारी 25 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा गया। एक पटवारी की इतनी हिम्मत नहीं हो सकती है कि वह इतनी रकम रिश्वत में मांग सके। इसका सीधा अर्थ है कि यह रिश्वत नीचे से उपर तक थी और जनता के साथ सामूहिक लूट चल रही है।
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एसीबी की जोधपुर इकाई ने बुधवार को जोधपुर के पूजला तहसील के पटवारी बीरबल राम विश्नोई को परिवादी से 25 लाख 21 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि परिवादी की ओर से शिकायत की गई थी कि उसकी खरीदशुदा जमीन का नामांतरण खोलने और तरमीम करने के पश्चात जमाबंदी और नामांतरण की प्रति उपलब्ध कराने की एवज में बीरबल द्वारा कुल जमीन में से एक प्लाट रिश्वत के रूप में रजिस्ट्री कराने अथवा 50 लाख रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा था। शिकायत का सत्यापन कराने के बाद ट्रेप आयोजित किया और बीरबल राम को 25 लाख 21 हजार रुपए की डमी करेंसी लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
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एक अन्य कार्रवाई में एसीबी ने जयपुर में भी एक पटवारी को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। परिवादी की ओर से एसीबी की जयपुर नगर तृतीय को शिकायत दी गई थी कि जयपुर के पटवार हलका मोरीजा का पटवारी चंद्रभान जाट उसकी पत्नि के नाम जमीन पर चढ़े गलत रहन का शुद्धिकरण करने तथा फौरी नामांतरण खोलने की एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा है। शिकायत के सत्यापन के बाद ट्रेप आयोजित किया गया और पटवारी को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं बीकानेर एसयू इकाई की ओर से पुलिस थाना महाजन के हैड कांस्टेबल महेश कुमार को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। महेश कुमार द्वारा परिवादी के ट्रक को 102 जा फौ में कार्रवाई नहीं कर छोड़ने की एवज में यह रिश्वत मांगी गई थी।