जैन विश्व भारती संस्थान के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल मिश्र ने की शिरकत
जयपुर । राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को नागौर जिले के लाडनूं स्थित जैन विश्व भारती संस्थान के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में कहा कि शिक्षा जीवन और समाज को बेहतर बनाने का महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने शिक्षा के प्रसार को राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का महत्वपूर्ण जरिया बताते हुए कहा कि किताबों से ज्ञान व्यक्ति के मस्तिष्क में सदा के लिए संग्रहित हो जाता है, इसलिए उनका पढ़ना सदा ही व्यक्ति को उर्वर करता है। उन्होंने नई पीढ़ी को संविधान के प्रति जागरूक करने की दृष्टि से विश्वविद्यालयों में संविधान वाटिका की स्थापना की पहल के बारे में बात करते हुए जैन विश्वभारती संस्थान में संविधान वाटिका की स्थापना का भी सुझाव दिया। उन्होंने नागौर के एक छोटे से कस्बे लाडनूं में आचार्य तुलसी की प्रेरणा से स्थापित जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए यहां से शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि संस्थान के विद्यार्थी भारत को विकसित भारत बनाने में योगदान दें। उन्होंने विश्वविद्यालय को नैतिक शिक्षा देने वाला अनुपम संस्थान बताया । अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण ने पदक व डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों व शोधार्थियों को अनुशासन की सीख दी और कहा कि ज्ञान जीवन का पवित्र तत्व है इसे आत्मसात करें।
राज्यपाल मिश्र ने समारोह में उपस्थित सभी को संविधान की प्रस्तावना का वाचन करवाया एवं मूल कर्तव्य पढ़ कर सुनाए। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पूर्व लोकसभा सदस्य संजीव नायक,कुलपति प्रो. बच्छराज दुगड सहित अन्य उपस्थित थे।