प्रदेश के हस्तशिल्प उत्पादों को आमजन तक पहुंचाने व शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने की अनूठी पहल
जयपुर। प्रदेश में बनने वाले हैंडीक्राफ्ट (हस्तशिल्प) उत्पाद अब राज्य सरकार की वेबसाइट्स पर भी नजर आएंगे। आमजन इन उत्पादों को ebazaar.rajasthan.gov.in वेबसाइट या फेसबुक पेज पर जाकर देख सकेंगे और आसानी से ऑर्डर भी कर सकेंगे। उद्योग विभाग ने प्रदेश के औद्योगिक संस्थानों को भी दीपावली के अवसर पर हस्तशिल्प उत्पादों को खरीदकर उपहार में देने का आग्रह किया है।
उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि प्रदेश के शिल्पकार और दस्तकारों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने व हस्तशिल्प उत्पादों को आमजन तक पहुंचाने के लिए यह नवाचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आमजन हस्तशिल्प के उत्पादों को देखने व आर्डर करने के लिए ebazaar.rajasthan.gov-in या facebook.com-Rajasthali-Handicraft-Emporium के पेज पर भी क्लिक कर सकते हैं। दीपावली के अवसर पर राजस्थान लघु उद्योग निगम द्वारा संचालित राजस्थली (अजमेरी गेट) पर सभी हस्तशिल्प उत्पादों पर 10 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
रावत ने कहा कि राजस्थान की शिल्प कला देश विदेश में विशेष पहचान रखती है। हस्तशिल्प के कलात्मक उत्पाद ना केवल दैनिक जीवन की आवश्यकता की पूर्ति करते हैं बल्कि इनमें राजसी शान के प्रतीक होने के साथ यहां की परंपराओं एवं रिवाजों की भी झलक देखने को मिलती है। राज्य में लगभग चार लाख हस्तशिल्प इकाइयां स्थापित हैं। राज्य के मुख्य शिल्प कला में मीनाकारी, ब्लू पॉटरी, सिल्वर आर्ट ज्वेलरी, पेंटिंग, हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग, कशीदाकारी, कोटा डोरिया, मिट्टी और लकड़ी के उत्पाद, हैंडमेड पेपर प्रोडक्ट, जूतियां, मार्बल हैंडीक्राफ्ट इत्यादि प्रमुख हैं।
उद्योग आयुक्त महेंद्र पारख ने दीपावली के अवसर पर आमजन से ज्यादा से ज्यादा राजस्थानी हस्तशिल्प उत्पादों को खरीदने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते प्रदेश के हस्तशिल्पी आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं। हालांकि राज्य सरकार इनके उत्थान के लिए हर संभव मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि आमजन इन उत्पादों को खरीदने निकलेंगे तो कलाकारों का खासा उत्साहवर्धन भी होगा।
राजसिको चेयरमैन राजीव अरोड़ा ने बताया कि त्योहारों के पर्व को देखते हुए राजस्थली में समस्त हस्तशिल्प उत्पादों पर 10 प्रतिशत छूट दी जाएगी। सभी राजस्थली शोरूम रविवार को भी बिक्री के लिए खुले रहेंगे।