15 फरवरी सूर्य सप्तमी के अवसर पर राजस्थान के सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में गुरुवार को आयोजित सूर्य नमस्कार के सामूहिक अभ्यास कार्यक्रम में विद्यार्थियों सहित 1.33 करोड़ से अधिक लोगों ने अपनी भागीदारी निभाते हुए विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इस विश्व रिकॉर्ड को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन के राजस्थान एडिशन द्वारा मान्यता प्रदान की गई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस विशिष्ट उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे सफल बनाने में सहभागिता निभाने वाले प्रदेश की स्कूलों के विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों, जनप्रतिनिधियों, संस्था प्रधानों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों का आभार जताया है। उन्होंने इस आयोजन के सुव्यवस्थित प्रबंधन में सजगता और जिम्मेदारी से भूमिका निभाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की पूरी टीम के प्रयासों की सराहना की है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को वर्ल्ड ऑफ वर्ल्ड बुक ऑफ—लंदन के वाइस प्रेसिडेंट— राजस्थान प्रथम भल्ला ने इस विश्व रिकॉर्ड का प्रोविजनल सर्टिफिकेट गुरुवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में भेंट किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी, स्कूल शिक्षा विभाग की विशिष्ट शासन सचिव चित्रा गुप्ता, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी और उप निदेशक शाला दर्पण तूलिका गर्ग सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि पूरे प्रदेश के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों में गुरुवार को प्रात: 10.30 बजे से 11 बजे की अवधि में एक ही समय पर एक साथ सूर्य नमस्कार का अभ्यास किया गया। इसमें 88 हजार 974 स्कूलों के एक करोड़ 14 लाख 69 हजार 914 विद्यार्थियों ने सूर्य नमस्कार किया। वहीं विद्यार्थियों सहित कुल एक करोड़ 33 लाख 50 हजार 889 लोग इन आयोजनों में शामिल हुए। विद्यार्थियों के अलावा शिक्षा विभाग के कार्मिक, जन प्रतिनिधि, अभिभावक, अधिकारीगण और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने इसमें भागीदारी की। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 66 हजार 990 सरकारी स्कूलों में 64 लाख 30 हजार 277 तथा 21 हजार 984 गैर सरकारी स्कूलों के 50 लाख 39 हजार 637 विद्यार्थियों ने सूर्य नमस्कार किया। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों सहित 77 लाख 63 हजार 374 तथा गैर सरकारी स्कूलों में 55 लाख 87 हजार 515 लोग इन आयोजनों में शामिल हुए।
क्या है सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार 12 चरणों में किया जाने वाला आसन है। जिसमें प्रणामासन, हस्त उत्तानासन, हस्तपादासन, अश्व संचलानासन, अधो मुख श्वानासन, पर्वतासन, अष्टांग नमस्कार , भुजंगासन, अधो मुख श्वानासन/ पर्वतासन, अश्व संचलानासन, हस्तपादासन शामिल हैं।
सूर्य नमस्कार के स्वास्थ्य लाभ :
रीढ़ की हड्डी मजबूत और लचीली होती है, इससे पॉश्चर बेहतर होता है।
पूरे स्पाइनल और पैरास्पाइनल में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है.
ऊपरी और निचले अंगों के मस्कुलोस्केलेटल का फंक्शन अच्छा होता है।
हार्ट की फंक्शनिंग में सुधार होता है।
मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है.
सुस्त न्यूरोएंडोक्राइन सिस्टम सक्रिय होता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है।
पाचन क्रिया बेहतर होती है।
अनिद्रा से निपटने में मदद मिलती है।
ब्लड शुगर को मेंटेन रखता है।
तनाव के स्तर को कम करता है।
हार्मोन को नियंत्रित करता है
रीढ़, गर्दन और भुजाओं को टोन करता है।
*सूर्य नमस्कार 12 योगासनों का क्रम है। इसमें 12 चरण किए जाते हैं और 8 आसन होते हैं।
सूर्य नमस्कार करने के कई फ़ायदे हैं:..
वज़न घटाने में मदद करता है
मांसपेशियों और जोड़ों को मज़बूत करता है।
त्वचा के रंगत में सुधार करता है
पाचन तंत्र को ठीक रखने में मदद करता है।
अनिद्रा से लड़ने में मदद करता है।
नियमित मासिक धर्म सुनिश्चित करता है।
कंधों को गतिशीलता देता है।
रीढ़ की हड्डी और पेट की मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है।
सूर्य नमस्कार करने के कुछ और फ़ायदे:..
शरीर को लचीला बनाता है
कब्ज की समस्या को ठीक करने में कारगर है।
शारीरिक और मानसिक मज़बूती बढ़ाता है।
बॉडी पॉस्चर को बेहतर करता है और बैलेंस बनाने में मदद करता है।
मसल्स को टोन करता है और हड्डियों को मज़बूत करता है।
सूर्य नमस्कार के 12 आसन:..
प्रणामासन, हस्तोत्तानासन, हस्तपादासन, अश्व संचालनासन, दंडासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, अधोमुख श्वानासन, हस्तपादासन, हस्तोत्तानासन, ताड़ासन…
रोज़ाना पांच से बारह बार सूर्य नमस्कार करने से शरीर में पानी की मात्रा संतुलित रहती है और अनावश्यक तत्व शरीर से बाहर निकल जाते है।